काठमांडू/नई दिल्ली 10 सितंबर 2025
नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस सुशीला कार्की को हाल ही में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद अस्थायी सरकार का नेतृत्व करने के लिए चुना गया है। युवा Gen Z प्रदर्शनकारियों के वर्चुअल मतदान में कार्की को 31% वोट मिले, जबकि काठमांडू के मेयर बालें शाह को 27% वोट मिले।
सुशीला कार्की का सफर:
सुशीला कार्की ने 1979 में बिरेटनगर से एक वकील के रूप में अपने करियर की शुरुआत की और धीरे-धीरे उच्च न्यायालय में अपनी पहचान बनाई। 2009 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाया गया और 2016 में वे नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस बनीं। यह वह समय था जब नेपाल के शीर्ष पद – राष्ट्रपति, संसद अध्यक्ष और चीफ जस्टिस – सभी महिलाओं के हाथ में थे।
कार्की भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़े रुख के लिए जानी जाती हैं। उनके आदेशों में एक सक्रिय मंत्री, जय प्रकाश गुप्ता, को भ्रष्टाचार के आरोप में जेल भेजना शामिल था। 2017 में उन पर राजनीतिक दबाव और न्यायिक अधिकारों के उल्लंघन के आरोप लगे, लेकिन उन्होंने अपने न्यायिक स्वतंत्रता और सुधारवादी दृष्टिकोण को बनाए रखा।
शिक्षा और पृष्ठभूमि:
कार्की ने 1975 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) से राजनीति शास्त्र में मास्टर डिग्री और 1978 में त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल से कानून की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने पहले नृत्य कला में भी रुचि ली थी, जिसे उन्होंने अपनी शिक्षा के दौरान विकसित किया।
Gen Z का चयन:
Gen Z प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री ओली को भ्रष्टाचार, भाईभतीजावाद और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध के खिलाफ मजबूर किया। सुशीला कार्की का भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता वाला रवैया उन्हें अस्थायी सरकार का नेतृत्व करने के लिए Gen Z का पहला विकल्प बनाता है।अस्थायी सरकार के नेतृत्व में, नेपाल में राजनीतिक स्थिरता और सामाजिक सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।