जयराम रमेश का ताबड़तोड़ हमला:
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया ट्वीट पर जोरदार हमला किया है। पीएम मोदी ने भारत-अमेरिका रिश्तों को ‘स्वाभाविक साझेदारी’ कहा था, लेकिन रमेश ने इसे सीधे तौर पर खोखला और भ्रमित करने वाला करार दिया। रमेश ने तीखा सवाल उठाया कि क्या यह साझेदारी इतनी ‘स्वाभाविक’ है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 35 से अधिक बार भारत पर व्यापार के दबाव का दावा किया, और भारत को अपनी रणनीतिक स्थिति पर दबाव में रखा? रमेश का कहना है कि यह बयान केवल राजनीति के लिए है, वास्तविकता इससे बिल्कुल अलग है।
प्रधानमंत्री का बयान और ट्रंप की प्रतिक्रिया:
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट में कहा था कि भारत और अमेरिका ‘स्वाभाविक साझेदार’ हैं और दोनों देशों के बीच सहयोग मजबूत होगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि वे जल्द ही ट्रंप के साथ व्यापारिक समझौते पर सहमति की उम्मीद करते हैं। वहीं, ट्रंप ने भी अपने ट्वीट के जरिए इसे साझा किया, जिससे यह संकेत मिला कि दोनों नेताओं के बीच व्यक्तिगत संबंध अच्छे हैं। लेकिन रमेश ने इसे फिजूल का दिखावा करार दिया और कहा कि वास्तविक नीति में अमेरिका भारत को हमेशा व्यापारिक दबाव में रखता रहा है।
35 बार की ‘दबाव नीति’:
जयराम रमेश ने साफ शब्दों में कहा कि ट्रंप ने 35 बार यह दावा किया कि उन्होंने व्यापार का इस्तेमाल हथियार की तरह करके भारत-पाकिस्तान युद्धविराम कराया। रमेश ने इसे गंभीर आरोप बताते हुए कहा कि यदि अमेरिका सच में ‘स्वाभाविक साझेदार’ होता, तो क्या उसे व्यापार के दबाव का सहारा लेना पड़ता? उनका कहना है कि यह सिर्फ दिखावटी दोस्ती है, जिसमें भारत के हितों को नजरअंदाज किया जाता रहा है।
भविष्य की वार्ता और राजनीतिक बहस:
हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच फोन पर बातचीत की संभावना है और आसियान समिट में मुलाकात भी हो सकती है। लेकिन जयराम रमेश ने चेताया कि केवल व्यक्तिगत सौहार्द दिखाकर यह साबित नहीं होता कि अमेरिका भारत का भरोसेमंद साझेदार है। कांग्रेस नेता ने सरकार की विदेश नीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह मामला राजनीतिक बहस का कारण बनेगा और आम जनता को यह जानना चाहिए कि भारत की वास्तविक स्थिति क्या है।
आक्रामक संदेश:
रमेश ने इस ट्वीट के जरिए साफ संदेश दिया कि भारत को दिखावटी रिश्तों से नहीं, ठोस और संतुलित नीति से सुरक्षा और लाभ सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने चेताया कि सरकार के झूठे दावे केवल राजनीतिक लाभ के लिए हैं और यह देश के हितों के खिलाफ हो सकते हैं।