नई दिल्ली, 10 सितंबर 2025
बॉलीवुड और कॉरपोरेट जगत में इन दिनों सबसे ज्यादा सुर्खियों में है संजय कपूर की मौत के बाद उभरा संपत्ति विवाद। करिश्मा कपूर के पूर्व पति और मशहूर उद्योगपति संजय कपूर की अनुमानित ₹30,000 करोड़ की संपत्ति अब परिवार में दो धड़ों में बंट गई है। यह मामला पारिवारिक विवाद से आगे निकलकर हाई-प्रोफाइल कानूनी जंग का रूप ले चुका है। मीडिया और बिज़नेस जगत लगातार इस मामले पर नजर रखे हुए हैं।
संजय कपूर के बच्चों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया
संजय और करिश्मा कपूर के दो बच्चे—समीरा और कियान—ने दिल्ली हाईकोर्ट में अपील दायर की है। उनका आरोप है कि संजय की दूसरी पत्नी प्रियंका सचदेव कपूर ने वसीयत में बदलाव कर अपनी हिस्सेदारी बढ़ा ली और बच्चों को उनके कानूनी हिस्से से वंचित किया। बच्चों का कहना है कि यह सिर्फ संपत्ति का मामला नहीं है, बल्कि उनके पिता की वैध संपत्ति पर नाइंसाफी और धोखाधड़ी का मामला है। उन्होंने अदालत से न्याय की उम्मीद जताई है और अपनी संपत्ति का हक़ पाने के लिए पूरी ताकत से लड़ने की बात कही है।
अदालत ने दिया सख्त आदेश: पारदर्शिता अनिवार्य
दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रियंका कपूर को आदेश दिया कि वे संजय कपूर के निधन की तारीख 12 जून 2025 तक की सभी चल और अचल संपत्तियों का ब्यौरा अदालत में पेश करें। अदालत ने स्पष्ट कर दिया है कि अब कोई जानकारी छुपाना मुश्किल होगा। अगली सुनवाई 9 अक्टूबर को निर्धारित की गई है।
प्रियंका के अधिवक्ता राजीव नायर ने अदालत में स्वीकार किया कि संजय की वसीयत पंजीकृत नहीं थी। हालांकि, उन्होंने इसे महत्वहीन बताया। उन्होंने यह भी कहा कि वाद दायर करने से पांच दिन पहले संजय के बच्चों को ₹1,900 करोड़ की संपत्ति पहले ही हस्तांतरित कर दी गई थी। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि पूरी संपत्ति की पारदर्शिता सुनिश्चित करना जरूरी है।
परिवार के अन्य सदस्य भी विवाद में शामिल
सिर्फ बच्चे ही नहीं, बल्कि संजय कपूर की मां रानी कपूर भी इस विवाद में सक्रिय हो गई हैं। उनका आरोप है कि संजय की मौत के बाद उन पर दबाव डालकर कुछ दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करवाए गए। परिवार के भीतर तनाव और कानूनी जटिलताएँ अब और गहरी हो गई हैं। इस वजह से यह मामला केवल संपत्ति का विवाद नहीं रह गया, बल्कि पारिवारिक दबाव, मनमुटाव और भावनात्मक तनाव का भी प्रतीक बन गया है।
करिश्मा कपूर की चुप्पी, बच्चों का न्याय संघर्ष
करिश्मा कपूर ने खुद को इस कानूनी जंग से दूर रखा है। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया है कि उनकी प्राथमिकता केवल उनके बच्चों की भलाई और हक़ है। यही वजह है कि उनके बच्चे सीधे अदालत का रुख कर न्याय की मांग कर रहे हैं। समीरा और कियान ने कहा है कि वे अपने पिता की वैध संपत्ति के लिए पूरी कानूनी लड़ाई लड़ेंगे और किसी भी तरह की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
संजय कपूर का अरबों का साम्राज्य
संजय कपूर की संपत्ति में उनकी कंपनियाँ, रियल एस्टेट, निवेश और अन्य बहुमूल्य संपत्तियाँ शामिल हैं। उनके पास Sona Comstar और RK Family Trust जैसी कंपनियों के माध्यम से अरबों की संपत्ति थी। जानकारों का कहना है कि संजय की कुल नेटवर्थ बॉलीवुड के कई बड़े सितारों से भी कई गुना अधिक थी। यही कारण है कि यह विवाद मीडिया और बिज़नेस जगत का भी केंद्र बन गया है।
कौन बनेगा असली वारिस?
इस विवाद का केंद्र सिर्फ ₹30,000 करोड़ की संपत्ति नहीं है। यह मामला पारिवारिक विवाद से आगे बढ़कर कानून, पारदर्शिता और वैध वारिस की पहचान का सवाल बन गया है। अदालत का फैसला यह तय करेगा कि असली वारिस कौन है—करिश्मा कपूर के बच्चे या प्रियंका सचदेव कपूर। इस हाई-प्रोफाइल जंग का असर बॉलीवुड, कॉरपोरेट जगत और परिवार दोनों पर लंबे समय तक देखने को मिलेगा।