भोपाल, 7 सितंबर 2025
मध्य प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया है। कांग्रेस के राज्य अध्यक्ष और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी के निवास पर नकाबपोशों ने धावा बोलते हुए बिजली काट दी और पूरे कार्यालय की तलाशी ली। इस हमले में घर और कार्यालय में तोड़फोड़ की गई, जिससे साफ संकेत मिलता है कि यह कोई मामूली घटना नहीं बल्कि राजनीतिक धमकाने की साजिश थी।
सूत्रों के अनुसार, नकाबपोशों ने भारी हथियार और उपकरणों के साथ पटवारी के कार्यालय और घर में प्रवेश किया। उन्होंने फाइलें और दस्तावेज बिखेर दिए और संपत्ति को नुकसान पहुंचाया। घटना के समय पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन नकाबपोश पहले ही फरार हो चुके थे। यह घटना राज्य की राजनीति में गंभीर संकेत देती है कि विपक्षी नेताओं पर दबाव और डर पैदा करने की कोशिशें तेज हो रही हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह हमला केंद्र और राज्य सरकार के बीच सत्ता संघर्ष का परिणाम हो सकता है। कांग्रेस नेताओं ने इसे धमकाने और राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा बताया है। जीतू पटवारी ने घटना के तुरंत बाद ट्वीट कर कहा कि यह हमला सिर्फ उन नेताओं के खिलाफ नहीं, बल्कि लोकतंत्र और संविधान की रक्षा कर रहे सभी नेताओं के खिलाफ है। उन्होंने सरकार से इस मामले में तुरंत सख्त कार्रवाई और सुरक्षा की मांग की है।
इस हमले ने राजनीतिक हलकों में खलबली मचा दी है। विपक्षी दलों ने इसे धमकियों और राजनीतिक प्रतिशोध का उदाहरण बताया है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि यह घटना राज्य में विपक्ष पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा है और इससे लोकतंत्र की मूल भावना को ठेस पहुँचती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि नकाबपोशों द्वारा इस तरह का हमला राजनीतिक हिंसा और डर का संदेश देता है। यह साफ संकेत है कि सत्ता के गलियारों में विपक्ष को डराने और धमकाने की घटनाएँ बढ़ रही हैं। इस बीच पुलिस और प्रशासन की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ गई है, क्योंकि घटना के तुरंत बाद भी अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई।
यह हमला सिर्फ जीतू पटवारी के खिलाफ नहीं बल्कि राजनीतिक माहौल और लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ एक चेतावनी माना जा रहा है। राजनीतिक विश्लेषक इसे मध्य प्रदेश की राजनीति में आने वाले संघर्ष और तनाव की ओर इशारा कर रहे हैं, जिससे साफ होता है कि राज्य में सियासी तापमान अब पहले से कहीं ज्यादा बढ़ चुका है।