वाशिंगटन 6 सितम्बर 2025
अमेरिका के नौकरी बाजार में संकट गहराने लगा है, और इस साल अगस्त की रिपोर्ट ने यह सच्चाई बयां कर दी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के आठवें महीने में देश में केवल 22,000 नई नौकरियां बनीं, जो अपेक्षाओं से कहीं कम हैं। बेरोजगारी दर 4.3 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो पिछले लगभग चार साल में सबसे उच्च स्तर है। यह लगातार दूसरी महीना है जब रोजगार सृजन बेहद कमजोर रहा है, और जून में नौकरियों की संख्या में कमी का भी संशोधन हुआ है, जो संकेत देता है कि अमेरिकी आर्थिक नीतियां अब व्यापार और रोजगार दोनों को भारी चुनौती दे रही हैं
ट्रंप की कट्टर आर्थिक नीतियों जैसे भारी टैरिफ और सख्त आप्रवासन नीतियों ने कारोबारों को प्रभावित किया है। इन नीतियों ने न सिर्फ कंपनियों के लिए खर्च बढ़ाए हैं, बल्कि उपभोक्ताओं तक महंगाई का बोझ भी पहुंचाया है। इसके साथ ही, आप्रवासन कटौती के कारण मजदूरों की उपलब्धता कम हुई है, जिससे कंपनियों को कर्मचारियों की भर्ती में दिक्कत हो रही है। संघीय सरकार ने भी सीधे तौर पर नौकरियों में कटौती की है और अप्रत्याशित नीतिगत बदलावों ने कारोबारी माहौल को अस्थिर कर दिया है। इस वजह से व्यापार जगत में निवेश और भर्ती योजनाओं पर अनिश्चितता छाई हुई है, जिससे रोजगार के अवसरकमी और अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ गई है।
विश्लेषकों और श्रम अर्थशास्त्रियों का कहना है कि यह मंद Hiring अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए एक चेतावनी है। रोजगार के अवसर कम होने, वेतन वृद्धि की मंदी, और बेरोजगारी अवधि में वृद्धि ने संकेत दिए हैं कि आर्थिक मंदी का खतरा नजदीक है। कंपनियां और उद्योग पैदा होती नौकरियों में झटकों के कारण सतर्क रहते हुए अपनी रणनीतियां संशोधित कर रहे हैं। ट्रंप प्रशासन ने हाल के कमजोर आंकड़ों को खारिज करने की कोशिश की, लेकिन आंकड़े लगातार यह दिखा रहे हैं कि नौकरी बाजार में स्थिरता का संकट गहरा रहा है।
इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद अमेरिकी जनता की आशंकाएं बढ़ गई हैं कि क्या देश जल्द ही आर्थिक मंदी में प्रवेश कर सकता है। ऐसे में यह देखना होगा कि ट्रंप प्रशासन इस चुनौती से कैसे निपटता है और क्या आगामी महीनों में नौकरी के अवसर फिर से बढ़ेंगे या अमेरिका में आर्थिक दबावों का बड़ा दौर शुरू हो जाएगा। अभी के लिए रोजगार बाजार सुस्त और अनिश्चितता से भरा हुआ नजर आ रहा है।
इसलिए अमेरिका की आर्थिक स्थिति, खासकर नौकरी बाजार, ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में गंभीर संकट से गुजर रही है, जो उनके “अमेरिका को महान बनाओ” अभियान के सामने बड़ी चुनौती बनकर खड़ी है।