चंडीगढ़/अमृतसर 4 Sep
पंजाब में भारी बारिश और बाढ़ ने जनजीवन पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। राज्य सरकार के अनुसार अब तक 37 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1.75 लाख हेक्टेयर फसलें जलमग्न हो गई हैं। अमृतसर, कपूरथला, गुरदासपुर और लुधियाना सहित कई जिलों में हजारों घर और खेत बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। बाढ़ से प्रभावित कुल 1,655 गांवों में हजारों लोग विस्थापित हुए हैं और राहत शिविरों में शरण लिए हैं। सरकार और प्रशासन के लिए यह समय बेहद चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है और सतलज तथा रावी नदियों का पानी कई क्षेत्रों में खतरे के निशान से ऊपर पहुंच चुका है।
राहुल गांधी का दौरा और केंद्र सरकार से राहत पैकेज की मांग
लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और पीड़ितों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनी। उन्होंने कहा कि पंजाब में आई भीषण बाढ़ ने व्यापक जनहानि और नुकसान किया है और जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड में भी स्थिति बेहद चिंताजनक है। राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से किसानों, मजदूरों, पशुपालकों और आम नागरिकों के लिए विशेष राहत पैकेज (Special Relief Package) की तत्काल घोषणा करने की मांग की। उन्होंने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं से अपील की कि इस कठिन समय में राहत कार्य ही उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता हो, ताकि प्रभावित लोगों को तुरंत मदद मिल सके और पुनर्वास प्रक्रिया तेज़ की जा सके।
केजरीवाल और शिवराज सिंह चौहान का दौरा
पूर्व दिल्ली मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी प्रभावित इलाकों का दौरा किया और स्थानीय प्रशासन के साथ राहत कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने प्रभावित परिवारों से बातचीत की और उन्हें आश्वासन दिया कि राज्य और केंद्र सरकार के साथ मिलकर हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी। इसी दौरान केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अमृतसर, कपूरथला और गुरदासपुर जिलों का दौरा किया। उन्होंने किसानों से मुलाकात कर फसल और संपत्ति को हुए नुकसान का आकलन किया। मंत्री चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए है और राज्य सरकार के साथ मिलकर प्रभावित लोगों के लिए हर संभव सहायता मुहैया कराएगी।
बाढ़ प्रभावित इलाके और राहत कार्यों की स्थिति
पंजाब के 23 जिले बाढ़ की चपेट में हैं, जिसमें अमृतसर, गुरदासपुर, फतेहगढ़ साहिब, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, मोगा, संगरूर और फरीदकोट प्रमुख हैं। बाढ़ से 1,655 गांवों में जनजीवन प्रभावित हुआ है। अमृतसर में 390 गांव जलमग्न हुए हैं, जबकि गुरदासपुर में 324 गांव प्रभावित हैं। कुल 3.55 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। राहत और बचाव कार्यों के लिए 167 शिविर बनाए गए हैं, जिनमें 1,557 लोग सुरक्षित रूप से रह रहे हैं। NDRF की 22 टीमें, सेना, नौसेना और वायु सेना के 30-35 हेलीकॉप्टर और कई BSF टीमें राहत कार्यों में जुटी हुई हैं। राज्य सरकार ने 137 नावें और एक हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं।
मौसम और भविष्य की तैयारी
मौसम विभाग ने मनसा, संगरूर और बरनाला जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। हालांकि कुछ क्षेत्रों में बारिश कम हुई है, लेकिन नदियों का जलस्तर अभी भी उच्च है। पानी की निरंतर बढ़ती मात्रा के कारण प्रशासन को अलर्ट मोड में रहना पड़ रहा है। इस बीच, केंद्र सरकार की तीन सदस्यीय टीम भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर राहत कार्यों की समीक्षा करेगी। इस टीम में गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और सड़क परिवहन मंत्रालय के अधिकारी शामिल हैं।
आम लोगों और स्वयंसेवियों की मदद
स्थानीय लोग और स्वयंसेवी संगठन बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद में जुटे हैं। कई स्थानीय उद्योगपतियों और कलाकारों ने प्रभावित परिवारों की सहायता की है। राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल और शिवराज सिंह चौहान के दौरे का उद्देश्य केवल राहत कार्यों का जायजा लेना नहीं है, बल्कि प्रभावित लोगों को भरोसा दिलाना और पुनर्वास कार्यों में तेजी लाना भी है। इस मुश्किल समय में प्रशासन, स्वयंसेवी संगठन और राजनीतिक नेता मिलकर प्रभावित लोगों के लिए पूरी क्षमता से प्रयासरत हैं।