भाजपा के वरिष्ठ नेता अमित मालवीय और प्रदीप भंडारी
ने कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन उनके प्रयास उल्टा पड़ गए और चुनाव आयोग की गंभीर लापरवाही उजागर हो गई। मालवीय ने ट्वीट कर दावा किया और प्रदीप भंडारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि पवन खेड़ा के दो सक्रिय EPIC नंबर हैं – जंगपुरा और नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में।
खेड़ा ने फोड़ा बीजेपी का नकाब
पवन खेड़ा ने करारा जवाब देते हुए कहा, “यही वही सवाल है जो हम उठा रहे हैं – चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर। यह सूची भाजपा नेताओं और चुनाव आयोग दोनों के पास है। कांग्रेस बार-बार मांगती है, लेकिन कभी नहीं मिलती। मैं जानना चाहता हूँ कि मेरी नाम से नई दिल्ली में किसे वोट डालने के लिए बनाया जा रहा है? मुझे CCTV फुटेज चाहिए। मैंने 2016 में शिफ्ट होकर नाम हटवाया था। फिर भी मेरा नाम क्यों है?”
उन्होंने जोर देकर कहा कि राहुल गांधी 7 अगस्त से लगातार इस गड़बड़ी को उजागर कर रहे हैं, और देशभर में सैकड़ों-हजारों ऐसे नाम हैं जिनका दुरुपयोग किया जा रहा है। “SIR के तहत इन गलतियों को वैध ठहराया जा रहा है, और हम इसका विरोध कर रहे हैं,” पवन खेड़ा ने कहा।
अमित मालवीय की सुबह की स्टंट केवल राजनीतिक तमाशा
खेड़ा ने कहा, “ध्यान खींचने के लिए अमित मालवीय ने मुझ पर हमला किया, लेकिन उनके आश्चर्य के लिए असली चोट चुनाव आयोग को लगी। यह साफ कर देता है कि भाजपा का उद्देश्य मतदाता सूची की अखंडता नहीं, बल्कि राजनीतिक बदनाम करना है।”
मुख्य तथ्य:
- राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद हजारों मामले सामने आए, जहां एक व्यक्ति के एक से अधिक EPIC IDs कई बूथ, निर्वाचन क्षेत्रों और राज्यों में दर्ज हैं। मालवीय ने इन मामलों में कोई रुचि नहीं दिखाई।
- चुनाव आयोग ने चार चुनावों के बावजूद मेरी नामांतरण प्रक्रिया पूरी होने के बाद भी नाम नहीं हटाया – 2019 LS, 2020 VS, 2024 LS और 2025 VS।
- सवाल साफ है – चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली कहां फेल हुई? कौन सी चट्टान उनके नींद का कारण बनी?
साफ संदेश भाजपा को:
खेड़ा ने कहा, “ग्यानेश गुप्ता जी को अपने साझेदारों का चुनाव समझदारी से करना चाहिए। अनुराग ठाकुर के बाद अमित मालवीय ने भी उन्हें असहज स्थिति में डाल दिया।”