2025 के शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भारत ने अमेरिका और इजरायल द्वारा ईरान पर किए गए सैन्य हमलों के खिलाफ SCO के बयान का समर्थन नहीं किया। SCO के सदस्य देशों ने संयुक्त रूप से इन हमलों की निंदा की, उन्हें अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन और वैश्विक शांति के लिए खतरा बताया।
हालांकि, भारत ने SCO के बयान से अलग रहते हुए ईरान के साथ अपने रणनीतिक और व्यापारिक संबंधों को महत्व दिया। दिल्ली का यह मौन समर्थन इस बात का संकेत है कि भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देते हुए स्वतंत्र निर्णय लेने की क्षमता रखता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत की यह नीति अपने विदेश नीति संतुलन को बनाए रखने और दोनों देशों के साथ अच्छे संबंधों को बनाए रखने का प्रयास है। SCO में यह घटना यह भी दर्शाती है कि भारत अंतरराष्ट्रीय दबावों से परे अपनी विदेश नीति को तय करने में सक्षम है।