दिल्ली के रोहिणी सेक्टर-17 में शनिवार को एक बेहद दुखद और दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जिसमें घरेलू विवाद ने हिंसक रूप धारण कर लिया और दो महिलाओं की जान ले ली। प्रिया सहगल (34) और उनकी मां कुसुम सिन्हा (63) की हत्या उनके पति/पुत्रवधू योगेश सहगल ने कैंची से गोदकर की। घटना के पीछे जन्मदिन के तोहफे को लेकर उत्पन्न विवाद था, जो घर के भीतर अचानक भड़क गया और नियंत्रण से बाहर हो गया। शुरुआती जानकारी के अनुसार, प्रिया और योगेश सहगल के बीच तोहफे के चयन और वितरण को लेकर बहस हुई थी। कुसुम सिन्हा, जो अपने पोते के जन्मदिन पर घर आई थीं, ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, लेकिन यह प्रयास नाकाम साबित हुआ और स्थिति हिंसक मोड़ ले गई।
28 अगस्त को प्रिया और उनकी मां अपने पोते के 15वें जन्मदिन के अवसर पर घर पर इकट्ठा हुई थीं। परिवार में यह समय खुशियों भरा होना चाहिए था, लेकिन जन्मदिन के तोहफों को लेकर प्रिया और उसके पति योगेश के बीच तनाव उत्पन्न हो गया। इस दौरान कुसुम सिन्हा ने विवाद को सुलझाने के लिए परिवार के साथ रुकने का निर्णय लिया। हालांकि, यह प्रयास भी कामयाब नहीं हो पाया। 30 अगस्त को जब कुसुम के बेटे मेघ सिन्हा ने अपनी मां और बहन से संपर्क करने की कोशिश की, तो उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने तुरंत प्रिया के घर का रुख किया और पाया कि फ्लैट बाहर से बंद था और दरवाजे के पास खून के धब्बे नजर आ रहे थे। अंदर जाकर दोनों महिलाओं को खून से सने हालत में पाया गया।
पुलिस ने तत्काल मामले की जांच शुरू की और आरोपी योगेश सहगल को गिरफ्तार कर लिया। उसके पास से हत्या में प्रयुक्त कैंची और खून से सने कपड़े बरामद किए गए। प्रारंभिक जांच में यह स्पष्ट हुआ कि यह घटना लंबे समय से चल रहे घरेलू विवाद और तनाव का परिणाम थी। पुलिस ने बताया कि योगेश सहगल फिलहाल बेरोजगार हैं, हालांकि वह पहले एक ज्वैलरी शोरूम में काम करते थे। उनके और प्रिया के बीच बार-बार झगड़े होते रहते थे, और इसी तनाव ने एक हिंसक परिणति को जन्म दिया।
इस दुखद घटना का असर केवल दो महिलाओं तक ही सीमित नहीं है। प्रिया और योगेश के दो बेटे हैं, जिनमें बड़ा 16 साल का है। हत्या के समय दोनों बच्चे घर पर नहीं थे, और उनकी सुरक्षा के लिए पुलिस ने बताया कि आरोपी ने बच्चों को एक चाइल्ड शेल्टर होम में छोड़ने की कोशिश की थी। परिवार के अन्य सदस्य और पड़ोसियों के अनुसार, योगेश और प्रिया के बीच बढ़ते तनाव को कई बार देखा गया था, लेकिन किसी ने इसकी गंभीरता का अंदाजा नहीं लगाया। यह घटना घरेलू हिंसा के बढ़ते खतरे को उजागर करती है और समाज के लिए एक चेतावनी के रूप में सामने आई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार की हिंसा का मुख्य कारण संवाद की कमी और पारिवारिक समस्याओं को समय पर सुलझाने में असफलता है। जन्मदिन जैसे खुशी के अवसर पर भी छोटे-छोटे मतभेद कभी-कभी गंभीर परिणाम दे सकते हैं। इस घटना ने यह दिखा दिया कि पारिवारिक विवाद और घरेलू हिंसा को नजरअंदाज करना कितना घातक हो सकता है। समाज में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए परिवारों में बेहतर संवाद, आपसी समझ और तनाव प्रबंधन की आवश्यकता है।
पुलिस ने मामले की जांच के साथ ही राहत कार्य और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी कदम उठाए हैं। योगेश सहगल को कानून के अनुसार कठोर कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। इस घटना ने दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में घरेलू हिंसा के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को भी उजागर किया है। परिवार और समाज को मिलकर ऐसे घटनाओं की रोकथाम के लिए उपाय करने होंगे, ताकि भविष्य में कोई और जीवन इसी प्रकार के विवादों का शिकार न बने।