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BJP-RSS का असली चेहरा वोट चोरी और लोकतंत्र की लूट : राहुल गांधी

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लोकतंत्र बनाम वोट चोरी का युद्ध

बिहार की धरती से विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने ऐसा हमला बोला है, जिसने भाजपा और आरएसएस के नेताओं की नींद उड़ा दी है। उन्होंने कहा कि “ये जो BJP और RSS के लोग चिल्ला रहे हैं, वो सुन लें।” कर्नाटक में जिस तरह चुनाव आयोग और भाजपा की मिलीभगत से वोट चोरी का खेल पकड़ा गया था, ठीक वैसे ही सबूत अब हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों से भी सामने लाए जाएंगे। राहुल गांधी का कहना था कि वह चुनाव आयोग (ECI) और भाजपा, दोनों को बख्शने के मूड में नहीं हैं। उनका सीधा आरोप है कि भाजपा का “गुजरात मॉडल” असल में विकास का मॉडल नहीं बल्कि “वोट चोरी का मॉडल” है, जिससे लोकतंत्र को बर्बाद किया जा रहा है।

वोटर लिस्ट का घोटालेबाज चुनाव आयोग 

 

राहुल गांधी ने बोधगया के निदानी गांव का उदाहरण देते हुए चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए। उन्होंने खुलासा किया कि बाराचट्टी विधानसभा के बूथ नं. 161 की आधिकारिक वोटर लिस्ट में “मकान नं. 6” में 947 वोटरों को दिखा दिया गया है। हकीकत यह है कि निदानी गांव में सैकड़ों घर और परिवार रहते हैं, मगर वोटर लिस्ट में सबको एक ही काल्पनिक घर में समा दिया गया है। उन्होंने तीखे अंदाज़ में सवाल उठाए – “BLO ने डोर-टू-डोर वेरिफिकेशन आखिर कैसे किया? असली मकान नंबर वोटर लिस्ट से क्यों गायब कर दिए गए? और आखिर इसका फायदा किसको पहुंचाया जा रहा है?” राहुल गांधी का कहना है कि यह कोई साधारण गलती नहीं, बल्कि पारदर्शिता के नाम पर एक मज़ाक है, जिसका सीधा फायदा भाजपा को मिलता है।

भूतिया वोटर और डंपिंग का खेल

इस खुलासे ने बिहार की राजनीति में भूचाल ला दिया है। राहुल गांधी का कहना है कि जब एक छोटे से गांव में 947 वोटरों को एक ही घर में “डंप” किया जा सकता है, तो सोचिए पूरे राज्य और देश में कितनी बड़ी हेराफेरी की जा रही होगी। मकान नंबर मिटाना और वोटरों को एक ही पते पर दिखाना असली खेल है – ताकि फर्जी वोटर, डुप्लीकेट नाम और “भूतिया पहचान” चुनाव में डाली जा सके। राहुल गांधी ने तीखे लहज़े में कहा – “लोकतंत्र की चोरी हो रही है, और निदानी गांव इसका जीता-जागता सबूत है।” उन्होंने चुनाव आयोग के अधिकारी ज्ञानेश गुप्ता से सीधा सवाल दागा कि क्या सचमुच पूरा निदानी गांव एक ही घर में रहता है या यह लोकतंत्र लूटने का नया तरीका है।

तेजस्वी का डबल इंजन सरकार पर हमला

बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने भी भाजपा और नीतीश सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि “मोदी जी लोकतंत्र को खत्म कर राजतंत्र की स्थापना करना चाहते हैं।” तेजस्वी ने जनता से अपील करते हुए कहा कि पिछले 20 सालों में भाजपा और नीतीश कुमार ने बिहार को ग़रीबी, बेरोजगारी, पलायन, भ्रष्टाचार, अफसरशाही और अपराध में नंबर 1 बना दिया है। शिक्षा, स्वास्थ्य और कृषि के मामले में बिहार को सबसे निचले पायदान पर धकेल दिया गया है। तेजस्वी ने जोर देते हुए कहा कि इस निकम्मी सरकार ने पूरे बिहार को हताशा, निराशा और क्रोध से भर दिया है – यही इस सरकार की एकमात्र उपलब्धि है।

वोटर अधिकार यात्रा – विपक्ष का रणघोष

‘वोटर अधिकार यात्रा’ में राहुल गांधी ने जनता को भरोसा दिलाया कि विपक्ष भाजपा की “वोट चोरी” की साज़िश को बेनकाब करेगा। उन्होंने कहा कि कर्नाटक में जिस तरह सबूत पेश किए गए, उसी तरह जल्द ही हरियाणा, महाराष्ट्र और लोकसभा चुनावों की धांधलियों का कच्चा-चिट्ठा सामने रखा जाएगा। राहुल गांधी का दावा था कि “हम यह साबित करके रहेंगे कि भाजपा और आरएसएस वोट चोरी कर ही चुनाव जीतते हैं।” दूसरी तरफ तेजस्वी यादव ने जनता से सीधा वादा किया कि अब वक्त आ गया है निकम्मी सरकार को उखाड़ फेंकने का। उन्होंने कहा – “आपके समर्थन के कर्जदार हैं और अब इस निकम्मी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए तैयार हैं।”

इस बीच CPMIL नेता शशि यादव ने कहा है कि वोटर अधिकार यात्रा’ के माध्यम से बिहार की जनता ने वोट चोरी के खिलाफ जमकर आवाज बुलंद की है- इसके लिए मैं प्रदेश की जनता का बहुत-बहुत धन्यवाद करती हूं। यात्रा से समाज के हर वर्ग के लोग जुड़े। सभी ने अपनी समस्याओं को राहुल गांधी जी, तेजस्वी यादव जी समेत अन्य नेताओं के साथ साझा किया और अपना दर्द बयां किया। ‘ वोटर अधिकार यात्रा’ को अपार जनसमर्थन मिल रहा है और आने वाले समय में बिहार में महागठबंधन की सरकार बने- ऐसा जनता चाहती है।

राष्ट्रीय जनता दल सांसद संजय यादव ने कहा है कि बिहार के युवा रेलवे और सेना में जाते थे, लेकिन BJP सरकार ने सारी नौकरियों पर ताला मार दिया। बिहार आज BJP-JDU से 20 साल का हिसाब मांग रहा है। बिहार में भ्रष्टाचार चरम पर है। गरीब को सताया जा रहा है। जिंदा लोगों को मुर्दा बताया जा रहा है। कुत्ता, बिल्ली, ट्रंप का प्रमाण पत्र बनाया जा रहा है। NDA की महाभ्रष्ट सरकार बिहार को सिर्फ कष्ट ही दे रही है।

बिहार की धरती से राहुल गांधी और तेजस्वी यादव का यह आक्रामक हमला भाजपा और चुनाव आयोग के खिलाफ एक नए राजनीतिक संघर्ष का बिगुल है। यह केवल चुनावी बयानबाज़ी नहीं बल्कि वोटिंग सिस्टम की पारदर्शिता पर सीधा सवाल है। निदानी गांव का उदाहरण यह दिखाता है कि वोटर लिस्ट में गड़बड़ी कोई तकनीकी गलती नहीं बल्कि सुनियोजित साज़िश है। विपक्ष ने साफ संदेश दिया है कि अब लोकतंत्र की लड़ाई निर्णायक चरण में है – या तो वोट की पवित्रता बचेगी या फिर भाजपा का “वोट चोरी मॉडल” लोकतंत्र को पूरी तरह से निगल जाएगा। ‘वोटर अधिकार यात्रा’ का समापन पटना में 1 सितंबर, 2025 को एक विशाल पैदल मार्च के साथ होगा। ये मार्च सुबह 11 बजे गांधी मैदान की गांधी प्रतिमा से शुरू होकर अंबेडकर जी की प्रतिमा पर समाप्त होगा। समापन ‘वोट चोरी’ के खिलाफ एक ऐसे आंदोलन का आरंभ होगा, जो पूरे देश में फैल चुका है। 

 

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