प्रधानमंत्री मोदी ने क्यों कहा कि मुझे इस बात से कोई मतलब नहीं है कि पैसा किसका है, चाहे वह डॉलर हो, पाउंड हो, या वह पैसा काला हो या सफेद? जानिए कांग्रेस ने उनके इस बयान को कालेधन से क्यों जोड़ दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान “मुझे इस बात से कोई मतलब नहीं कि पैसा काला है या गोरा, बस उसमें हिंदुस्तानी पसीना होना चाहिए” ने सियासत को गरमा दिया है। कांग्रेस ने इसे मोदी का कालेधन पर पलटी मारना करार देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने 2014 में किए वादों से देश को गुमराह किया और अब वे खुलेआम अपने ही दावों को झुठला रहे हैं।
कांग्रेस का सीधा वार: “काला धन और मोदी – एक ही सिक्के के दो पहलू”
कांग्रेस नेताओं ने मोदी के बयान पर हमला करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री अब कालेधन को वैध ठहराने की कोशिश कर रहे हैं। पार्टी प्रवक्ता ने कहा –
“मोदी ने चुनाव जीतने के लिए जनता को 15 लाख रुपये का सपना दिखाया था, कहा था विदेशों से हर हाल में कालाधन लाकर गरीबों के खाते में डालेंगे। आज वही मोदी कह रहे हैं कि पैसा काला हो या गोरा, फर्क नहीं पड़ता। इसका सीधा मतलब है कि भ्रष्टाचार और मोदी – दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू बन चुके हैं।”
राहुल गांधी का हमला: “बीजेपी की राजनीति वोट चोरी और धन चोरी पर टिकी है”
राहुल गांधी ने तीखा तंज कसते हुए कहा –
“मोदी जी के 15 लाख कहाँ हैं? काला धन कहाँ गया? गरीबों को पैसा देने का वादा कहाँ गया? सच ये है कि बीजेपी की राजनीति वोट चोरी और धन चोरी पर टिकी है। मोदी जी का हर वादा सिर्फ़ चुनावी जुमला साबित हुआ।”
प्रियंका गांधी: “जनता का विश्वास खो चुकी सरकार”
प्रियंका गांधी ने कहा कि मोदी सरकार जनता का विश्वास खो चुकी है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री अब स्वदेशी का चोला पहनकर पूंजीपतियों की तिजोरी भरने में लगे हैं। जब जनता कालाधन वापस लाने की याद दिलाती है तो कहते हैं पैसा काला हो या गोरा, कोई फर्क नहीं। यह लोकतंत्र नहीं, जनता से विश्वासघात है।”
कांग्रेस ने दिलाई याद: “अमित शाह ने खुद माना था – 15 लाख सिर्फ़ जुमला”
कांग्रेस ने जनता को याद दिलाया कि 2015 में तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने माना था कि 15 लाख का वादा महज़ “चुनावी जुमला” था। पार्टी ने कहा कि मोदी सरकार के झूठ का सबसे बड़ा सबूत बीजेपी का अपना बयान है।
आर्थिक मोर्चे पर भी सवाल
कांग्रेस ने मोदी सरकार की आर्थिक नीतियों पर भी करारा हमला बोला। जयराम रमेश ने कहा, “मोदी ने रुपया गिरने पर पहले इसे मनमोहन सिंह की उम्र से जोड़ा था, अब रुपये की हालत और बदतर है। ट्रंप ने भी कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था मर चुकी है। मोदी सरकार की नीतियों ने देश को कर्ज, बेरोज़गारी और महंगाई में डुबो दिया है।”
कांग्रेस का कहना है कि मोदी सरकार ने कालेधन पर जनता को गुमराह किया, अर्थव्यवस्था को संकट में डाला और अब ‘पैसा काला हो या गोरा’ कहकर अपने ही झूठे वादों पर पर्दा डालने की कोशिश की जा रही है।