मुंबई 19 अगस्त 2025
एशिया कप 2025 के लिए भारतीय टीम का ऐलान हो गया है और इस बार सबसे बड़ा बदलाव कप्तानी को लेकर देखने को मिला है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने सूर्यकुमार यादव को टीम का कप्तान नियुक्त किया है, जबकि युवा बल्लेबाज़ शुभमन गिल को उप-कप्तान की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह फैसला चयनकर्ताओं की उस रणनीति को दर्शाता है जिसमें वे एक ओर अनुभव और आक्रामकता पर भरोसा कर रहे हैं, तो दूसरी ओर भविष्य की टीम संरचना के लिए स्थिर और अनुशासित खिलाड़ियों पर भी दांव लगा रहे हैं। गिल की वापसी खासकर इस लिहाज से अहम मानी जा रही है क्योंकि वे लंबे समय से टी20 टीम से बाहर थे, लेकिन अब उन्हें सीधी उप-कप्तानी सौंप दी गई है। इससे साफ है कि बोर्ड गिल को आने वाले वर्षों में टीम के नेतृत्व का महत्वपूर्ण हिस्सा मान रहा है।
गेंदबाजी विभाग में सबसे ज्यादा चर्चा जसप्रीत बुमराह की वापसी को लेकर हो रही है। फिटनेस की समस्याओं से जूझने के बाद अब बुमराह पूरी तरह फिट होकर मैदान में लौटे हैं। बुमराह का शामिल होना भारतीय गेंदबाजी को बेहद मजबूत बनाता है क्योंकि उनकी तेज़ और सटीक गेंदबाजी किसी भी बड़े टूर्नामेंट में विपक्षी टीमों के लिए चुनौती बन सकती है। चयनकर्ताओं ने इस बार गेंदबाजी आक्रमण को संतुलित रखने की कोशिश की है, जिसमें तेज़ गेंदबाजों और स्पिनरों का अच्छा मिश्रण शामिल है। यह रणनीति दर्शाती है कि भारतीय टीम किसी भी पिच और परिस्थिति में खेलने के लिए तैयार है।
हालांकि, टीम चयन के साथ ही विवाद और आलोचना भी सामने आई है। यशस्वी जैसवाल और श्रेयस अय्यर जैसे बल्लेबाज़ों को टीम से बाहर रखे जाने पर कई प्रशंसकों और पूर्व खिलाड़ियों ने चयनकर्ताओं पर सवाल उठाए हैं। जैसवाल ने हाल के मैचों में अच्छी लय दिखाई थी और उन्हें भविष्य का सितारा माना जा रहा था, लेकिन उनके नाम का टीम से बाहर होना फैंस के लिए हैरान करने वाला रहा। इसी तरह अय्यर की लगातार अनदेखी ने चयन प्रक्रिया को लेकर सोशल मीडिया पर बड़ा असंतोष पैदा किया है। आलोचकों का कहना है कि चयनकर्ताओं ने व्यक्तिगत फॉर्म और हालिया प्रदर्शन को नजरअंदाज करते हुए कुछ खिलाड़ियों के पक्ष में पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाया है।
चयन का यह ऐलान प्रेस कॉन्फ्रेंस में हुआ, लेकिन यहां एक अलग ही विवाद सामने आ गया। जब पत्रकारों ने भारत-पाकिस्तान मैच को लेकर सवाल पूछने की कोशिश की, तो BCCI अधिकारियों ने उन्हें रोक दिया और स्पष्ट कर दिया कि इस विषय पर कोई प्रश्न स्वीकार नहीं किया जाएगा। बोर्ड के इस रवैये ने यह संदेश दिया कि वह क्रिकेट को राजनीतिक विवादों से दूर रखना चाहता है और टूर्नामेंट को केवल खेल की दृष्टि से देखना चाहता है। इससे यह भी स्पष्ट हुआ कि एशिया कप जैसे टूर्नामेंट में भारत-पाकिस्तान मुकाबलों के राजनीतिक और भावनात्मक पहलू कितने संवेदनशील होते हैं, जिन पर बोर्ड कोई जोखिम नहीं उठाना चाहता।
कुल मिलाकर, एशिया कप 2025 के लिए भारतीय टीम संतुलित और दमदार नजर आ रही है। कप्तान सूर्यकुमार यादव की आक्रामक बल्लेबाजी और मैदान पर उनकी रणनीतिक सोच टीम की बड़ी ताकत होगी, जबकि उप-कप्तान शुभमन गिल का संयम और तकनीक टीम को स्थिरता प्रदान करेंगे। गेंदबाजी विभाग में बुमराह की वापसी से उत्साह और आत्मविश्वास दोनों बढ़े हैं। हालांकि जैसवाल और अय्यर जैसे खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी ने बहस को जन्म दिया है, लेकिन चयनकर्ताओं का मानना है कि यह टीम आगामी टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करने में सक्षम है। यह स्क्वाड सिर्फ एशिया कप जीतने की तैयारी नहीं बल्कि आने वाले टी20 विश्व कप के लिए भी भारतीय क्रिकेट के ब्लूप्रिंट को उजागर करता है।