बिहार की सरज़मीं से कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक के शीर्ष नेताओं के साथ मिलकर “वोटर अधिकार यात्रा” का आगाज़ किया। बिहार विधानसभा चुनाव की उलटी गिनती शुरू होते ही यह यात्रा लोकतंत्र की दिशा और दशा तय करने वाली साबित हो सकती है। राहुल गांधी ने साफ़ कहा कि यह सिर्फ एक यात्रा नहीं बल्कि “लोकतांत्रिक अधिकारों की बहाली” का आंदोलन है। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि यदि वोट ही चोरी हो गया तो लोकतंत्र का अस्तित्व ही खतरे में पड़ जाएगा।

राहुल गांधी का सत्ता पर सीधा वार
राहुल गांधी ने यात्रा की शुरुआत में ही सत्तारूढ़ दल पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि “पूरे देश में वोट चोरी हो रही है, और बिहार में भी चुनाव चुराने की साजिश रची जा रही है। लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे।” यह बयान केवल चुनावी वादा नहीं बल्कि जनता के सामने लोकतंत्र के मूल प्रश्न को रखने जैसा था। राहुल ने स्पष्ट कर दिया कि INDIA ब्लॉक अब किसी भी हाल में “मतदाता अधिकारों” से समझौता करने वाला नहीं है। उनके स्वर में वह आक्रोश साफ झलक रहा था जो आज करोड़ों लोगों की बेचैनी और असंतोष का प्रतीक है।
विपक्ष की एकजुटता का प्रदर्शन
इस अवसर पर मंच पर विपक्षी दलों के कई बड़े नेता मौजूद रहे, जिन्होंने एक स्वर में जनता को भरोसा दिलाया कि वे अकेले नहीं हैं। INDIA ब्लॉक की यह एकजुटता बिहार की राजनीति में बड़ा संदेश देती है कि विपक्ष अब बिखरा नहीं है बल्कि मजबूती के साथ एकजुट होकर मैदान में है। नेताओं ने कहा कि यदि वोट ही सुरक्षित नहीं तो कोई भी सरकार वैध नहीं कहलाएगी। इस यात्रा के माध्यम से वे बिहार से देशभर तक यह संदेश देने में सफल रहे कि अब लोकतंत्र के साथ किसी तरह का खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
लोकतंत्र बनाम साजिश का नैरेटिव
राहुल गांधी ने अपने भाषण में बार-बार इस बात को दोहराया कि यह लड़ाई “लोकतंत्र बनाम साजिश” की है। उनका कहना था कि सरकार और चुनाव आयोग पर सवाल उठाने वाले विपक्षी दल किसी व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं बल्कि जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए सड़क पर उतरे हैं। उन्होंने जनता से अपील की कि वे अपने वोट की ताकत को समझें और किसी भी तरह की धांधली के खिलाफ मजबूती से खड़े हों। राहुल का यह संदेश साफ था कि अब बिहार से उठी आवाज़ पूरे देश में गूंजेगी और लोकतंत्र के भविष्य का निर्धारण करेगी।
जनता के बीच नई ऊर्जा
“वोटर अधिकार यात्रा” के पहले दिन ही जनता में जोश और उत्साह देखने को मिला। जगह-जगह लोग यात्रा का स्वागत करने के लिए सड़कों पर उतरे और विपक्षी नेताओं का हौसला बढ़ाया। राहुल गांधी का यह अभियान केवल एक राजनीतिक रणनीति नहीं बल्कि जनता के लिए एक उम्मीद की किरण की तरह पेश किया गया। इस यात्रा से यह साफ हो गया है कि बिहार चुनाव महज़ सीटों का मुकाबला नहीं बल्कि लोकतंत्र की असलियत और पारदर्शिता का संघर्ष बनने जा रहा है।