हैदराबाद 11 अगस्त 2025
तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने अभिनेता राणा दग्गुबाती सोमवार को हैदराबाद स्थित प्रवर्तन निदेशालय (ED) के कार्यालय पहुंचे, जहां उनसे अवैध ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ की गई। यह मामला उन 29 हाई-प्रोफाइल हस्तियों में से एक से जुड़ा है, जिन पर आरोप है कि उन्होंने इन ऐप्स का प्रचार-प्रसार किया और इसके एवज़ में मोटी रकम ली। ED ने इस केस को Prevention of Money Laundering Act (PMLA) के तहत दर्ज किया है, और इसकी जड़ें साइबराबाद पुलिस द्वारा अप्रैल-मई 2025 में दर्ज की गई FIRs तक जाती हैं। इन FIRs में राणा दग्गुबाती के अलावा विजय देवरकोंडा, प्रकाश राज और मंचु लक्ष्मी जैसे लोकप्रिय नाम शामिल हैं।
इस मामले की शुरुआत तब हुई जब पुलिस ने खुलासा किया कि कुछ अवैध बेटिंग प्लेटफ़ॉर्म्स ने सोशल मीडिया और सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट का सहारा लेकर युवाओं को जुए की लत में धकेला। जांच में सामने आया कि कई मशहूर चेहरे इन ऐप्स के प्रमोशनल वीडियो, सोशल मीडिया पोस्ट और इवेंट्स में सक्रिय रूप से शामिल थे। ED अब यह पता लगाने में जुटी है कि क्या इन कलाकारों को इन अवैध गतिविधियों के बारे में जानकारी थी और क्या उन्होंने जानबूझकर इन्हें प्रमोट किया। राणा दग्गुबाती को 23 जुलाई को ही समन भेजा गया था, लेकिन उन्होंने शूटिंग शेड्यूल का हवाला देकर समय मांगा था, जिसके बाद 11 अगस्त को उन्हें पेश होना पड़ा।
राणा से पहले अभिनेता विजय देवरकोंडा 6 अगस्त को और प्रकाश राज 30 जुलाई को ED के सामने पेश हो चुके हैं। प्रकाश राज ने इस बात को स्वीकार किया था कि वे एक समय इन ऐप्स से जुड़े प्रमोशनल कैंपेन में शामिल थे, लेकिन उन्होंने दावा किया कि अवैधता की जानकारी मिलते ही उन्होंने अपना जुड़ाव खत्म कर दिया। वहीं, राणा और देवरकोंडा ने अपराध में किसी भी भूमिका से साफ इनकार किया है। ED अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल वे गवाहों के बयान दर्ज कर रहे हैं और पैसों के लेन-देन से जुड़े डिजिटल साक्ष्यों की जांच कर रहे हैं।
जांच के दायरे में यह भी देखा जा रहा है कि क्या इन प्रचार अभियानों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग की गई और क्या रकम को कानूनी निवेश या अन्य चैनलों में खपाया गया। अधिकारियों ने संकेत दिया है कि इस केस में शामिल कुछ कंपनियां और इंटरमीडियरी एजेंसियां विदेशों में पंजीकृत हैं, जिससे जांच और जटिल हो रही है। आने वाले दिनों में ED और भी कलाकारों व सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स को तलब कर सकती है। इस केस ने न केवल फिल्म इंडस्ट्री बल्कि सोशल मीडिया प्रमोशन के नैतिक और कानूनी पहलुओं पर भी गंभीर बहस छेड़ दी है।