चुनाव आयोग ने बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव द्वारा दिखाए गए EPIC (इलेक्शन फोटो आइडेंटिटी कार्ड) को फर्जी बताते हुए उन्हें यह कार्ड 16 अगस्त 2025 तक सौंपने का आदेश दिया है। आयोग ने कहा है कि इस कार्ड के दस्तावेज़ों की जांच के दौरान यह पाया गया कि यह असली नहीं है और इसके संबंध में जांच जारी है। चुनाव आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तेजस्वी यादव से कड़ा आश्वासन मांगा है कि वे जल्द से जल्द अपने असली मतदाता पहचान पत्र प्रस्तुत करें।
यह विवाद तब शुरू हुआ जब तेजस्वी यादव ने एक सार्वजनिक सभा में अपना EPIC कार्ड दिखाया था, जिसे लेकर चुनाव आयोग ने सवाल उठाए। आयोग का कहना है कि मतदान प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सभी उम्मीदवारों और नेताओं के मतदाता पहचान पत्र का सत्यापन जरूरी है, और किसी भी तरह की फर्जीवाड़े को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। चुनाव आयोग ने कहा कि यदि तेजस्वी यादव निर्धारित समय में अपना असली EPIC कार्ड नहीं सौंपते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राजनीतिक गलियारों में इस आदेश को लेकर कई तरह की चर्चा शुरू हो गई है। विपक्षी दलों ने इसे तेजस्वी यादव के खिलाफ राजनीतिक साजिश करार दिया है, जबकि चुनाव आयोग ने साफ किया है कि वे किसी भी राजनीतिक दबाव में नहीं आएंगे और निष्पक्ष जांच करेंगे। इस मामले की जांच पूरी होने तक चुनाव आयोग ने कहा है कि सभी पक्ष संयम बनाए रखें और प्रक्रिया के साथ सहयोग करें।
चुनाव आयोग का यह कदम आगामी विधानसभा चुनावों को साफ-सुथरा और निष्पक्ष बनाए रखने के उद्देश्य से उठाया गया है, ताकि लोकतंत्र के मूल्यों की रक्षा की जा सके।