ओवल, इंग्लैंड । 4 अगस्त 2025
ओवल की ऐतिहासिक धरती पर 4 अगस्त 2025 को भारत ने वह कर दिखाया जो क्रिकेट के इतिहास में वर्षों तक सुनाया जाएगा। भारत ने इंग्लैंड को आखिरी और पांचवें टेस्ट में सिर्फ 6 रन से हराकर न केवल मुकाबला अपने नाम किया, बल्कि पांच मैचों की सीरीज़ को 2-2 की बराबरी पर समाप्त कर क्रिकेट में एक चमत्कारी वापसी की मिसाल कायम कर दी। एक समय ऐसा लग रहा था कि इंग्लैंड 374 रन के रिकॉर्ड लक्ष्य का पीछा करते हुए इस मैच को आसानी से जीत लेगा, क्योंकि चौथे दिन स्टंप्स तक उनका स्कोर था 339/6 और जो रूट (105) तथा हैरी ब्रूक (111) की बेहतरीन पारियों ने भारत को पूरी तरह बैकफुट पर धकेल दिया था। लेकिन मैच के पांचवें और अंतिम दिन जब खेल शुरू हुआ, भारत को जीत के लिए चार विकेट की दरकार थी और इंग्लैंड को महज 35 रन की। यही वह क्षण था जब भारत की युवा टीम ने अपने कप्तान शुभमन गिल और कोच गौतम गंभीर के नेतृत्व में ऐसी मानसिक दृढ़ता और क्रिकेटिंग जुनून का प्रदर्शन किया, जिसने न केवल मैच का रुख पलटा, बल्कि इतिहास रच दिया।
पांचवें दिन की शुरुआत से ही भारतीय गेंदबाज़ इंग्लैंड पर हावी रहे। मोहम्मद सिराज, जो चौथे दिन तक सिर्फ दो विकेट ले पाए थे, उन्होंने पांचवें दिन जैसे गेंदों से आग बरसाई। उन्होंने पहले जेमी स्मिथ को विकेटकीपर ध्रुव जुरेल के हाथों कैच कराया, फिर जेमी ओवरटन को एल्बीडब्ल्यू आउट किया। इसके बाद प्रसिद्ध कृष्णा ने जोश टंग को क्लीन बोल्ड कर इंग्लैंड को नौवां झटका दिया। स्कोर 364/9 हो चुका था, और इंग्लैंड को जीत के लिए अब केवल 10 रन चाहिए थे। क्रीज़ पर थे घायल क्रिस वोक्स, जो एक हाथ से बल्लेबाज़ी कर रहे थे, और गस एटकिंसन। लेकिन इसी तनावपूर्ण माहौल में सिराज ने एटकिंसन को एक परफेक्ट यॉर्कर पर बोल्ड कर भारत को ऐतिहासिक जीत दिला दी। मैदान पर जश्न का ऐसा नज़ारा था जिसे शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है – सिराज दौड़ते हुए अपने साथियों से गले मिले, गिल ने हवा में उछलकर जीत का इशारा किया और कोच गंभीर की आंखों में गर्व और राहत दोनों साफ़ झलक रहे थे।
मैच में भारत ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए 224 रन बनाए थे, जिसके जवाब में इंग्लैंड ने 247 रन बनाकर 23 रन की बढ़त हासिल की। भारत की दूसरी पारी में बल्लेबाज़ों ने वापसी करते हुए 396 रन ठोके और इंग्लैंड के सामने 374 रन का विशाल लक्ष्य रखा। जवाब में इंग्लैंड ने बहादुरी से मुकाबला किया लेकिन अंत में 367 रन पर ऑलआउट हो गया। इस मैच में सिराज ने कुल 5 विकेट लिए, प्रसिद्ध कृष्णा को 4 विकेट मिले और आकाश दीप को एक सफलता हाथ लगी। यह गेंदबाज़ी प्रदर्शन एक ऐसे दिन आया जब इंग्लैंड का पलड़ा भारी था, लेकिन भारत ने धैर्य, आत्मबल और रणकौशल से मुकाबला पलट दिया।
कप्तान शुभमन गिल की इस सीरीज़ में कप्तानी पहली बार थी, लेकिन उन्होंने जिस ठंडे दिमाग, शांत नेतृत्व और आक्रामक मानसिकता से टीम को उभारा, वह हर क्रिकेट प्रेमी को विराट कोहली की आक्रामकता और धोनी की रणनीति की याद दिला गया। वहीं कोच गौतम गंभीर, जिन्होंने हमेशा मैदान पर नज़रें गड़ाए रखीं, उन्होंने इस युवा टीम में लड़ने का जज़्बा और जीत की भूख पैदा की। भारत की यह जीत उस टीम का प्रतिबिंब है जिसे मैच से पहले किसी विशेषज्ञ ने जीत का दावेदार नहीं माना था। लेकिन इस युवा दल ने रूट-ब्रूक की शतकीय साझेदारी, इंग्लैंड की घरेलू परिस्थितियों, पिच की मुश्किलों और दबाव के हर कारक को धता बताते हुए चमत्कार कर दिखाया।
इस जीत ने एक बार फिर यह सिद्ध किया है कि क्रिकेट केवल कौशल नहीं, बल्कि दिल, धैर्य और दिमाग का खेल है। यह मुकाबला वर्षों तक उस मिसाल के रूप में याद रखा जाएगा जब भारत ने सिर्फ एक टेस्ट नहीं, बल्कि विश्वास और प्रतिबद्धता की लड़ाई जीती। ओवल टेस्ट 2025 ने यह साफ कर दिया कि आने वाला समय भारतीय क्रिकेट का है – युवा, निर्भीक, और चट्टानी हौसलों वाला।