नई दिल्ली। 4 अगस्त 2025
बीते एक दशक में भारतीय छात्रों में विदेशों में पढ़ाई करने की ललक तेजी से बढ़ी है। चाहे वो ऑक्सफोर्ड की ऐतिहासिक दीवारें हों, हार्वर्ड की आधुनिक प्रयोगशालाएं या ऑस्ट्रेलिया की व्यावहारिक शिक्षा प्रणाली—भारतीय युवाओं का सपना अब सीमाओं से परे उड़ान भर रहा है। “कर लो दुनिया मुट्ठी में” अब एक विज्ञापन मात्र नहीं, बल्कि एक जीवन दर्शन बन चुका है। वैश्विक exposure, बेहतर करियर संभावनाएं, world-class faculty और cutting-edge research के सपने लेकर हर साल लाखों छात्र भारत से दुनिया के दर्जनों देशों में पढ़ाई के लिए निकलते हैं।
कहाँ जाते हैं भारतीय छात्र? शीर्ष गंतव्यों की सूची
संयुक्त राज्य अमेरिका (USA):
USA अभी भी भारतीय छात्रों के लिए सबसे लोकप्रिय गंतव्य बना हुआ है। साल 2023–24 में लगभग 2.6 लाख से अधिक भारतीय छात्रों ने अमेरिका में दाखिला लिया। CS, Engineering, MBA, Biotechnology, और Data Science जैसे कोर्स सबसे अधिक लोकप्रिय हैं। OPT और H-1B वीज़ा के जरिए छात्र जॉब्स की ओर रुख करते हैं।
कनाडा:
कनाडा अपनी सहिष्णुता, वर्क परमिट नीतियों और affordable yet high-quality education के कारण तेजी से भारतीय छात्रों का पसंदीदा देश बन चुका है। 2023 में लगभग 3.2 लाख भारतीय छात्र कनाडा में पढ़ रहे थे।
यूनाइटेड किंगडम (UK):
ब्रिटेन BREXIT के बाद भारतीय छात्रों को और आकर्षित कर रहा है, खासकर PSW (Post Study Work) वीजा की बहाली के बाद। Humanities, Law, Medical और Finance जैसे क्षेत्र यहाँ लोकप्रिय हैं। Chevening और Commonwealth जैसी स्कॉलरशिप्स भी UK को students-friendly बनाती हैं।
ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और आयरलैंड:
ये तीनों देश भी तेज़ी से भारतीय छात्रों को आकर्षित कर रहे हैं। खासकर जर्मनी में Engineering और Automotive courses के लिए और ऑस्ट्रेलिया में Nursing, Hospitality और Environmental Sciences में बड़ी संख्या में छात्र जाते हैं।
कौन-कौन से कोर्सेज भारतीय छात्रों को करते हैं आकर्षित?
STEM (Science, Technology, Engineering, Mathematics):
सबसे बड़ा झुकाव इन विषयों की ओर होता है। AI, ML, Robotics, Renewable Energy, और Environmental Sciences जैसे क्षेत्र रोजगार के दृष्टिकोण से बेहद आकर्षक हैं।
MBA और Management Studies:
Harvard, INSEAD, LBS जैसे नाम भारतीय aspirants के लिए सपना हैं। Leadership skills, Global networking और मोटी सैलरी पैकेज इन कोर्सेज को प्रतिष्ठित बनाते हैं।
Medical और Healthcare Courses:
रूस, यूक्रेन (हाल तक), जॉर्जिया और फिलीपींस जैसे देश MBBS के लिए Indian students के किफायती विकल्प बन चुके हैं। इसके अलावा UK और US में भी High-end medical research करने वाले छात्र भारत से जाते हैं।
Law, Public Policy और Humanities:
UK और USA की प्रमुख यूनिवर्सिटीज में भारत के युवा अब अंतरराष्ट्रीय कानून, मानवाधिकार, शिक्षा नीति और gender studies जैसे विषयों में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
भारतीय छात्रों के सपने और जमीनी चुनौतियाँ
विदेश में पढ़ाई का सपना जितना रोमांचक है, उतना ही संघर्षपूर्ण भी है। वहाँ जाकर छात्र कई व्यावहारिक दिक्कतों से जूझते हैं:
फीस और फंडिंग: US और UK जैसे देशों में सालाना ट्यूशन फीस ₹20–60 लाख तक होती है। स्कॉलरशिप हर किसी को नहीं मिलती, और एजुकेशन लोन का बोझ बढ़ता जाता है।
मानसिक स्वास्थ्य का दबाव: नया देश, नया माहौल, और पढ़ाई का तनाव—बहुत से छात्र anxiety, loneliness और depression का शिकार हो जाते हैं।
जॉब मार्केट और वीज़ा प्रतिबंध: Post-study work visa मिलने में मुश्किलें आती हैं। जर्मनी जैसे देशों में नौकरी पाने के लिए भाषा अनिवार्य हो जाती है।
सफलता की कहानियाँ: जो बन गए रोल मॉडल
सुंदर पिचाई (CEO, Google): IIT खड़गपुर से पढ़कर Stanford गए और Silicon Valley का सबसे बड़ा चेहरा बन गए।
इंद्रा नूयी (पूर्व CEO, PepsiCo): Yale से MBA करके दुनियाभर की महिलाओं की प्रेरणा बनीं।
राघुराम राजन (अर्थशास्त्री): भारत और विदेश दोनों में शिक्षा प्राप्त कर नीति-निर्माण का मजबूत चेहरा बने।
इनके रास्ते कठिन जरूर थे, लेकिन दिशा स्पष्ट थी।
शिक्षा से आत्मनिर्भरता तक: क्या मिलती है सही कीमत?
बहुत से छात्र भारत लौटने के बजाय वहीं बस जाते हैं, जिससे देश को “Brain Drain” का नुकसान भी होता है। हालांकि कई छात्र अनुभव लेकर वापस आते हैं और देश में स्टार्टअप, रिसर्च, शिक्षण और नीति निर्माण में योगदान करते हैं।
छात्रों के लिए सुझाव: कैसे बनाएं ये सफर सफल
- Course और Country का चुनाव सोच-समझकर करें
- Scholarship और Assistantship की पहले से जानकारी रखें
- सही एजुकेशन काउंसलर चुनें, धोखेबाज एजेंटों से सावधान रहें
- पढ़ाई के साथ साथ Soft Skills और Internship पर भी फोकस करें
- Mental Health की चिंता को नज़रअंदाज़ न करें—support groups में शामिल हों
विदेश में पढ़ाई एक सपना है, जो अगर मेहनत, धैर्य और सही दिशा में हो तो हकीकत में बदलता है। यह केवल डिग्री का नाम नहीं, बल्कि सोच, दृष्टिकोण और exposure का विस्तार है। भारतीय युवाओं के भीतर अब ये आत्मविश्वास है कि वे किसी भी मंच पर अपनी काबिलियत साबित कर सकते हैं।
शिक्षा अब सीमाओं में नहीं बंधी। यह वैश्विक बन चुकी है। और भारतीय छात्र इस वैश्विक शिक्षा के सबसे चमकते सितारे हैं—जो हर साल नए देशों, नई भाषाओं और नई संभावनाओं की ओर बढ़ रहे हैं, अपने साथ भारत का नाम भी रोशन करते हुए।