श्रीनगर, जम्मू कश्मीर। 3 अगस्त 2025
श्रीनगर एयरपोर्ट पर 26 जुलाई को सुरक्षा के नाम पर अनुशासन को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई। एक वरिष्ठ सेना अधिकारी ने फ्लाइट SG 386 से दिल्ली जाने से पहले अतिरिक्त केबिन बैगेज शुल्क को लेकर स्पाइसजेट के चार कर्मचारियों पर जानलेवा हमला कर दिया। एयरलाइन द्वारा निर्धारित 7 किलो की सीमा के विपरीत वह 16 किलो का हैंड बैगेज लेकर आए थे और शुल्क चुकाने से इनकार कर दिया।
विवाद बढ़ा तो अधिकारी ने एयरलाइन स्टाफ पर मुक्कों, लातों और यहां तक कि कतार में लगी स्टील स्टैंड से हमला कर दिया। हमले में एक कर्मचारी का जबड़ा टूट गया, दूसरे की रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट आई। एक कर्मचारी बेहोश होकर गिर गया लेकिन अधिकारी ने उस पर भी लात मारना जारी रखा। बचाव करने झुके एक अन्य कर्मचारी को जबड़े पर इतना जोरदार वार किया गया कि वह खून से लथपथ हो गया।
CISF ने समय पर हस्तक्षेप कर स्थिति को काबू में लिया और एयरपोर्ट प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने वाले अधिकारी को गेट पर वापस लाया। इसके बावजूद अधिकारी का हिंसक व्यवहार जारी रहा।
घटना के बाद घायल कर्मचारियों को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है। स्पाइसजेट ने स्थानीय पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है, साथ ही आरोपी अधिकारी को नो-फ्लाई लिस्ट में डालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। एयरलाइन ने नागर विमानन मंत्रालय को पत्र लिखकर इस “घातक और शर्मनाक हमले” की उच्च स्तरीय जांच और कार्रवाई की मांग की है।
एयरलाइन ने एयरपोर्ट प्रशासन से घटना की सीसीटीवी फुटेज लेकर पुलिस को सौंप दिया है। स्पाइसजेट ने साफ कहा है कि वह अपने स्टाफ की सुरक्षा से किसी भी सूरत में समझौता नहीं करेगा और इस पूरे मामले को कानूनी और नियामकीय स्तर पर अंतिम नतीजे तक ले जाएगा।
यह घटना न केवल सैन्य अनुशासन पर प्रश्नचिन्ह लगाती है बल्कि यह भी स्पष्ट करती है कि एयरलाइन कर्मचारियों की सुरक्षा को और सुदृढ़ करने की तत्काल जरूरत है।