नई दिल्ली, 3 अगस्त 2025
शिवसेना (उद्धव गुट) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने एशिया कप 2025 में होने वाले भारत-पाकिस्तान मुकाबले को लेकर केंद्र सरकार और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) पर तीखा हमला बोला है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और चल रहे ऑपरेशन सिंदूर के मद्देनज़र उन्होंने इस हाई-वोल्टेज क्रिकेट मैच पर सवाल खड़े करते हुए मांग की है कि इस मुकाबले का प्रसारण रोका जाए।
प्रियंका चतुर्वेदी ने अपने आधिकारिक बयान और सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, “एक ओर हमारे जवान आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हो रहे हैं, और दूसरी ओर सरकार और BCCI बेशर्मी से भारत-पाक क्रिकेट मैच का प्रचार कर रहे हैं। क्या यही है देशभक्ति? क्या यही है ‘राष्ट्र प्रथम’ की परिभाषा?”
उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान से बातचीत तो दूर, खेल संबंध भी पूरी तरह बंद होने चाहिए जब तक आतंकवाद पूरी तरह समाप्त न हो जाए। “क्या सरकार को इस बात का कोई अफसोस नहीं कि जिस देश से आए आतंकियों ने कश्मीर की ज़मीन लाल की है, उसी देश की क्रिकेट टीम को हम टीवी पर हीरो बना रहे हैं? यह हमारे शहीदों के बलिदान का अपमान है,” उन्होंने कहा।
प्रियंका ने केंद्र सरकार के साथ-साथ एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) और BCCI से भी सवाल किया कि इस हालात में क्या भारत-पाकिस्तान मैच जरूरी है? उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “देश के नागरिकों को राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाने वाली सरकार जब पाकिस्तान से खेलने की बात आती है, तो चुप क्यों हो जाती है? ये दोहरा रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
विपक्षी दलों ने भी इस मुद्दे पर प्रियंका चतुर्वेदी के बयान को गंभीरता से लेने की मांग की है और कहा है कि सरकार को अपनी प्राथमिकताएं स्पष्ट करनी चाहिए—क्या वो राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ है या टीवी पर मिलने वाली टीआरपी के?
इस बीच BCCI और ACC की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन भारत-पाक मुकाबले को लेकर सोशल मीडिया पर दो वर्गों में बहस तेज़ हो गई है। एक पक्ष इसे खेल को खेल की तरह देखने की वकालत कर रहा है, तो दूसरा इसे शहीदों और राष्ट्रहित के साथ जोड़कर विरोध कर रहा है।
अब देखना होगा कि क्या सरकार और BCCI इस मांग पर कोई प्रतिक्रिया देती हैं या यह मुकाबला तय शेड्यूल के अनुसार ही खेला जाएगा। लेकिन इतना तय है कि प्रियंका चतुर्वेदी के इस तीखे हमले ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान क्रिकेट को लेकर राजनीतिक और नैतिक बहस छेड़ दी है।