नई दिल्ली | 3 अगस्त 2025
बिहार में मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन को लेकर मचे घमासान के बीच, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने रविवार को चुनाव आयोग (ECI) पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वह राज्यों के चुनावी चरित्र और पैटर्न को “बदलने की कोशिश” कर रहा है। उन्होंने इस कथित अधिकारों के दुरुपयोग के खिलाफ राजनीतिक और कानूनी लड़ाई की जरूरत बताई।
चिदंबरम ने X (ट्विटर) पर लिखा, “बिहार में 65 लाख मतदाता अपने मताधिकार से वंचित हो सकते हैं, वहीं तमिलनाडु में 6.5 लाख नए नाम जोड़ना न केवल चिंताजनक है बल्कि स्पष्ट रूप से गैरकानूनी भी है।”
प्रवासी मतदाताओं का अपमान?
राज्यसभा सांसद चिदंबरम ने आरोप लगाया कि तमिलनाडु में जो नाम जोड़े गए हैं, उन्हें ‘स्थायी रूप से प्रवास कर चुके लोग’ बताकर सूची में शामिल किया जा रहा है। उन्होंने कहा, “यह प्रवासी मजदूरों का अपमान है और तमिलनाडु की जनता की सरकार चुनने की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में सीधा हस्तक्षेप है।”
“बिहार की सूची बन रही है रहस्यमयी”
बिहार में चल रहे रिवीजन को लेकर चिदंबरम ने कहा कि यह मामला दिन-ब-दिन “curiouser and curiouser” होता जा रहा है — यानी यह और भी उलझता जा रहा है। कांग्रेस इसे मतदाता सूची से बड़े पैमाने पर लोगों को बाहर करने की साजिश के तौर पर देख रही है।
विपक्ष का तीखा रुख
कांग्रेस ने पहले भी चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं, लेकिन इस बार पार्टी ने इसे संवैधानिक अधिकारों पर सीधा हमला करार दिया है। चिदंबरम के इस बयान के बाद विपक्षी दलों के बीच चुनाव आयोग के खिलाफ साझा रणनीति बनने के संकेत मिल रहे हैं।