नई दिल्ली
3 अगस्त 2025
मणिशंकर अय्यर का सवाल
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर ने अपनी ही पार्टी के दिग्गज सांसद शशि थरूर पर सीधा हमला बोलते हुए उनकी बहुचर्चित विदेश यात्राओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अय्यर ने कहा कि थरूर ने “ऑपरेशन सिंदूर” के बाद 33 देशों का दौरा कर पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेनकाब करने की कोशिश की, लेकिन “हम ऐसा कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर सके जिससे दुनिया माने कि पाकिस्तान ही दोषी है।”
विदेशों में थरूर की पैरवी पर उठे सवाल
थरूर ने प्रधानमंत्री मोदी के विशेष दूत के रूप में दुनिया के 33 देशों में जाकर पहलगाम हमले में पाकिस्तान की भूमिका को उजागर करने की कोशिश की थी। लेकिन अय्यर का तर्क है कि अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र या किसी बड़े राष्ट्र ने पाकिस्तान को उस हमले का जिम्मेदार नहीं ठहराया। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “शशि थरूर चाहे जितना घूम लें, पर सच्चाई ये है कि सिर्फ इज़राइल ने हमें खुला समर्थन दिया है।”
“नाम नहीं सुझाया था, फिर भी भेजा गया”
अय्यर ने कटाक्ष करते हुए यह भी कहा कि थरूर को कांग्रेस ने इस प्रतिनिधिमंडल के लिए नामित नहीं किया था, फिर भी केंद्र सरकार ने उन्हें भेजा। उनका कहना है कि इस पूरी कवायद के बावजूद कोई भी यह मानने को तैयार नहीं है कि पाकिस्तान इस आतंकी हमले के पीछे है।
‘सबूत नहीं, भरोसा नहीं’ की गूंज
अय्यर ने माना कि शशि थरूर एक प्रशिक्षित राजनयिक हैं, पर उन्होंने सवाल किया कि यदि इतने प्रभावशाली प्रयास के बाद भी दुनिया हमें गंभीरता से नहीं ले रही, तो इसका मतलब है कि भारत कोई ऐसा प्रामाणिक दस्तावेज या इंटेलिजेंस इनपुट साझा करने में विफल रहा जो पाकिस्तान की संलिप्तता को सिद्ध कर सके।
कांग्रेस में ही मतभेद उजागर
इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर कांग्रेस पार्टी के अंदर की अंतर्विरोधी राजनीति को सतह पर ला दिया है। जहां एक ओर थरूर सरकार की विदेश नीति को अंतरराष्ट्रीय समर्थन दिलाने का प्रयास कर रहे हैं, वहीं पार्टी के ही दिग्गज नेता उनकी विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहे हैं।
बयान ऐसे समय आया है जब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर केंद्र सरकार और विपक्ष दोनों ही राजनीतिक मोर्चे पर एक-दूसरे से सख्ती से टकरा रहे हैं। अब देखना यह होगा कि कांग्रेस हाईकमान इस भीतरी घमासान को कैसे सुलझाता है।