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शाहरुख़ खान को ‘जवान’ के लिए पहला नेशनल अवॉर्ड, फैंस बोले – ‘देवदास’ से ‘स्वदेस’ तक देर से मिला सम्मान

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मुंबई, महाराष्ट्र । 2 अगस्त 2025

बॉलीवुड के ‘बादशाह’ शाहरुख़ खान ने अपने करियर के 33वें साल में आखिरकार नेशनल फिल्म अवॉर्ड की प्रतिष्ठित ट्रॉफी अपने नाम कर ली है। ब्लॉकबस्टर फिल्म ‘जवान’ में दमदार अभिनय के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह उपलब्धि केवल एक व्यक्तिगत जश्न नहीं, बल्कि फैंस और फिल्म समीक्षकों के लिए भी एक भावनात्मक क्षण बन गई है — क्योंकि कई लोग मानते हैं कि शाहरुख़ को यह सम्मान पहले ही मिल जाना चाहिए था।

तीन दशक, कई ब्लॉकबस्टर, फिर भी इंतज़ार

1992 में ‘दीवाना’ से बॉलीवुड में प्रवेश करने वाले शाहरुख़ खान ने ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’, ‘कभी खुशी कभी ग़म’, ‘चक दे इंडिया’ और ‘माई नेम इज़ खान’ जैसी कई यादगार फिल्में दीं। हालांकि उन्हें देश-विदेश में अनगिनत पुरस्कार और सम्मान मिलते रहे — जिनमें भारत सरकार का पद्मश्री और फ्रांस के ऑर्ड्रे दे आर्ट्स एट दे लेत्रे शामिल हैं — लेकिन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार उनसे हमेशा दूर ही रहा।

‘देवदास’, ‘स्वदेस’, ‘चक दे इंडिया’, ‘माई नेम इज़ खान’ – क्यों छूट गया नेशनल अवॉर्ड?

सोशल मीडिया पर SRK फैंस की एक बड़ी बहस जारी है कि ‘देवदास’ (2002), ‘स्वदेस’ (2004), ‘चक दे इंडिया’ (2007) और ‘माई नेम इज़ खान’ (2010) जैसी फिल्मों में उत्कृष्ट अभिनय के बावजूद शाहरुख़ को नेशनल अवॉर्ड क्यों नहीं मिला?

देवदास (2002): संजय लीला भंसाली की इस क्लासिक में शाहरुख़ का अभिनय अविस्मरणीय था, लेकिन उस वर्ष पुरस्कार अजय देवगन को ‘द लीजेंड ऑफ भगत सिंह’ के लिए मिला।

स्वदेस (2004): शाहरुख़ की सबसे अंडररेटेड फिल्मों में से एक, लेकिन उस साल सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का सम्मान सैफ अली खान को ‘हम तुम’ के लिए मिला।

चक दे इंडिया (2007): प्रेरणादायक भूमिका और जबरदस्त प्रदर्शन के बावजूद उन्हें अवॉर्ड नहीं मिला, जबकि फिल्म को ‘बेस्ट पॉपुलर फिल्म’ का पुरस्कार मिला।

माई नेम इज़ खान (2010): ऑटिज़्म से पीड़ित किरदार में उन्होंने शानदार संवेदनशीलता दिखाई, फिर भी नेशनल अवॉर्ड Dhanush और Salim Kumar के साथ साझा किया गया।

‘जवान’ टर्निंग पॉइंट

2023 की फिल्म ‘जवान’, जिसमें शाहरुख़ ने एक्शन, इमोशन और सामाजिक संदेशों का बेजोड़ मेल प्रस्तुत किया, उनके करियर का निर्णायक मोड़ बन गई। फैंस के मुताबिक, यह केवल अवॉर्ड विनिंग परफॉर्मेंस नहीं थी, बल्कि शाहरुख़ के आत्म-नवाचार (reinvention) की मिसाल थी।

फैंस की प्रतिक्रिया: ‘देर आए, दुरुस्त आए’

जैसे ही ‘जवान’ के लिए SRK को नेशनल अवॉर्ड मिलने की खबर आई, सोशल मीडिया पर #SRKDeservesNationalAward ट्रेंड करने लगा। हजारों पोस्ट में फैंस ने खुशी जताई, साथ ही यह भी पूछा कि “इतनी शानदार फिल्मों के बाद यह सम्मान अब क्यों?”

भावुक SRK का बयान

शाहरुख़ खान ने एक वीडियो संदेश में कहा, “यह पुरस्कार मेरे लिए नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए है जिसने मुझमें भरोसा रखा। ‘जवान’ हर उस भारतीय का चेहरा है जो लड़ता है, उठता है, जीतता है।”

आगे क्या?

अब जब SRK को नेशनल अवॉर्ड मिल चुका है, उनके आने वाले प्रोजेक्ट ‘किंग’, जिसमें वह अपनी बेटी सुहाना खान के साथ नज़र आएंगे, को लेकर उत्साह चरम पर है। यह सिर्फ अभिनय नहीं, एक विरासत का अगला अध्याय है। यह पुरस्कार न सिर्फ एक अभिनेता के तीन दशक के समर्पण का सम्मान है, बल्कि उन लाखों प्रशंसकों के विश्वास की जीत भी है, जिन्होंने हमेशा कहा — “शाहरुख़ खान सिर्फ अभिनेता नहीं, एक इमोशन हैं।”

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