नई दिल्ली, 2 अगस्त 2025
कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की “India’s dead economy” टिप्पणी पर सहमति जताने के बाद मचा राजनीतिक बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा। इसी बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर ने शनिवार को इस मामले पर अलग रुख अपनाते हुए कहा कि भारत को अमेरिका के साथ अपने मज़बूत व्यापारिक रिश्तों को संरक्षित रखना चाहिए।
“राहुल के बयान पर नहीं करूंगा टिप्पणी”
थरूर ने कहा, “मैं अपने पार्टी नेता (राहुल गांधी) के बयान पर टिप्पणी नहीं करना चाहता। उन्होंने जो कहा है, उसके अपने कारण होंगे। मेरी चिंता भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी को लेकर है, जो हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है।”
भारत-अमेरिका व्यापार पर फोकस
थरूर ने ज़ोर दिया कि अमेरिका भारत के सबसे बड़े निर्यात बाजारों में से एक है। “हम अमेरिका को सालाना लगभग 90 अरब डॉलर का निर्यात करते हैं। कुछ लोग कह सकते हैं कि यह जीडीपी का केवल 2% है, लेकिन कुल निर्यात के हिसाब से अमेरिका हमारे सबसे बड़े बाजारों में से है।”
टैरिफ विवाद पर क्या बोले थरूर?
पूर्व विदेश राज्यमंत्री थरूर ने भारत के व्यापार वार्ताकारों को ‘साहस और शक्ति’ के साथ अमेरिका से निष्पक्ष समझौता करने की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने यह भी कहा कि भारत को अन्य क्षेत्रों में निर्यात बढ़ाने पर भी काम करना चाहिए ताकि अगर अमेरिकी बाजार में झटका लगे तो उसकी भरपाई हो सके।
क्या है विवाद की जड़?
डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में Truth Social पर भारत और रूस की अर्थव्यवस्थाओं को “dead economies” बताते हुए 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की थी। इस पर राहुल गांधी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मुझे फर्क नहीं पड़ता ट्रंप क्या कह रहे हैं। सच्चाई ये है कि भारत की अर्थव्यवस्था मृत है और इसे भाजपा सरकार ने मार डाला है।”
राजनीतिक हलकों में हलचल
राहुल के बयान ने भारतीय राजनीति में तीखी प्रतिक्रियाएं पैदा कीं। सत्ताधारी बीजेपी ने इसे “देशविरोधी मानसिकता” करार दिया, जबकि कांग्रेस के भीतर भी कुछ नेता इस पर असहज दिखे। शशि थरूर का संयमित बयान इस दिशा में एक संतुलनकारी प्रयास माना जा रहा है, जो देशहित में कूटनीतिक और आर्थिक रणनीति को प्राथमिकता देता है।