जनवरी 2025 की शुरुआत में कर्नाटक में मौसम ने अचानक करवट ली, जब राज्य के कई हिस्सों में असामान्य रूप से कड़ाके की ठंड पड़ी। विशेषकर उत्तर कर्नाटक, बेंगलुरु ग्रामीण, चित्रदुर्ग, तुमकुरु और हावेरी जैसे क्षेत्रों में तापमान सामान्य से काफी नीचे चला गया, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हुआ। इस भीषण सर्दी ने केवल स्वास्थ्य पर ही नहीं, बल्कि यातायात और सड़क सुरक्षा पर भी गंभीर प्रभाव डाला।
सबसे गंभीर स्थिति 22 जनवरी को देखने को मिली, जब राज्य में विभिन्न स्थानों पर ठंड और कोहरे के कारण सड़क पर दृश्यता काफी कम हो गई, जिससे कई गंभीर सड़क दुर्घटनाएँ हुईं। पुलिस विभाग और राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, एक ही दिन में 10 लोगों की मृत्यु सड़क हादसों में हो गई। इन घटनाओं में शामिल अधिकांश वाहन ट्रक, बस और दोपहिया वाहन थे, जो कोहरे और फिसलन भरी सड़कों के कारण नियंत्रण खो बैठे।
बेंगलुरु–मैसूरु हाईवे, हुबली–धारवाड़ मार्ग, और शिवमोगा जिले में हुई ये दुर्घटनाएँ मुख्य रूप से सुबह और देर रात के समय हुईं, जब तापमान बेहद नीचे था और दृश्यता 30–50 मीटर तक सीमित थी। कुछ दुर्घटनाएं भारी ट्रैफिक और घनी धुंध के कारण बहु-वाहन टकराव में बदल गईं।
राज्य सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए ट्रैफिक पुलिस, परिवहन विभाग और नगर प्रशासन को सतर्क रहने और ठंड के दौरान विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए। इसके अलावा, हेलमेट और सीट बेल्ट की अनिवार्यता, धीमी गति से वाहन चलाने, और कोहरे में फॉग लाइट्स के प्रयोग को लेकर विशेष एडवाइजरी जारी की गई।
स्वास्थ्य विभाग ने भी सर्दी से उत्पन्न हाइपोथर्मिया और श्वसन संबंधी समस्याओं के बढ़ते मामलों पर अलर्ट जारी किया है। विशेषज्ञों ने चेताया कि मौसम परिवर्तन के साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर की कमियों और लापरवाही से हुई ये दुर्घटनाएं हमें सड़क सुरक्षा की गंभीरता को लेकर अधिक जिम्मेदार बनने की चेतावनी देती हैं।
यह घटनाक्रम न केवल कर्नाटक में मौसम से जुड़ी आपदाओं के प्रति हमारी तैयारियों और जवाबदेही पर सवाल उठाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि बदलते मौसम के साथ सड़क यातायात नीतियों और सुरक्षा उपायों को भी समयानुकूल ढालना अत्यंत आवश्यक है।