जनवरी 2025 के मध्य में झारखंड सरकार ने राज्य में अपराध नियंत्रण और सुरक्षा तंत्र को सुदृढ़ करने की दिशा में एक अहम कदम उठाया। 15 जनवरी 2025 को रांची जिले से शुरू हुई इस पहल के तहत 1,614 होम गार्ड पदों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई, जो विशेष रूप से रेलवे सुरक्षा के लिए केंद्रित थी। यह निर्णय राज्य में बढ़ते रेल मार्गों, स्टेशनों और यात्रियों की संख्या को देखते हुए लिया गया, जिसमें सुरक्षा के प्रति एक सशक्त और सतर्क दृष्टिकोण की आवश्यकता महसूस की जा रही थी।
रेलवे स्टेशनों और रेल परिसरों में अक्सर कपड़ों की चोरी, अवैध व्यापार, नशीली वस्तुओं की तस्करी और असामाजिक गतिविधियाँ जैसे अपराध सामने आते रहे हैं। ऐसे में केवल रेलवे पुलिस या स्थानीय थानों पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं था। इसलिए, झारखंड पुलिस और होम गार्ड विभाग के संयुक्त प्रयास से यह योजना बनाई गई कि प्रशिक्षित होम गार्ड्स को रेलवे संपत्ति और यात्रियों की सुरक्षा के लिए खास तौर पर तैनात किया जाएगा। इससे एक ओर पुलिस बल पर कार्यभार कम होगा, वहीं दूसरी ओर स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।
इस योजना के तहत जिन अभ्यर्थियों की भर्ती की जाएगी, उन्हें रेलवे सुरक्षा से संबंधित विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जैसे संदिग्ध वस्तुओं की पहचान, भीड़ प्रबंधन, आपातकालीन प्रतिक्रिया और टिकट चेकिंग स्टाफ को सहयोग देना। साथ ही, स्टेशन के आसपास असामाजिक तत्वों पर नजर रखना, CCTV मॉनिटरिंग में सहयोग करना और महिला यात्रियों की सुरक्षा में तत्पर रहना भी उनकी ज़िम्मेदारियों में शामिल होगा।
झारखंड सरकार के गृह विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह भर्ती न केवल राज्य की आंतरिक सुरक्षा को सशक्त करेगी, बल्कि आने वाले समय में पूर्व मध्य रेलवे और दक्षिण पूर्व रेलवे ज़ोन में झारखंड की भूमिका को और प्रभावशाली बनाएगी। रांची, धनबाद, बोकारो, जमशेदपुर और हजारीबाग जैसे ज़िलों के रेलवे नेटवर्क पर इसका सीधा असर पड़ेगा।
15 जनवरी 2025 को शुरू हुई यह प्रक्रिया, केवल एक भर्ती मुहिम नहीं, बल्कि झारखंड में स्मार्ट और नागरिक-केन्द्रित सुरक्षा दृष्टिकोण की ओर एक रणनीतिक कदम है। यह न केवल राज्य की रेल सुरक्षा को आधुनिक बनाएगा, बल्कि नागरिकों को यह भरोसा भी देगा कि सरकार उनके जीवन और यात्रा की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है।