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लाइफ़स्टाइल में ब्रांड का असर — ‘नाम नहीं, अनुभव मायने रखता है’

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नई दिल्ली | 21 जनवरी 2025 — जनवरी की ताज़ी हवा के साथ एक और बयार चल रही है ब्रांड वैल्यू का पुनर्परिभाषित होना। 2025 के पहले महीने ने एक नई सोच को जन्म दिया: अब उपभोक्ता ब्रांड को केवल उसके “नाम” या “कीमत” से नहीं, बल्कि उसके “अनुभव”, “जिम्मेदारी” और “संबंध” से आँकने लगा है। 

लाइफ़स्टाइल अब दिखावे की चीज़ नहीं रही। यह बन चुकी है व्यक्तित्व की सहज अभिव्यक्ति, और यही कारण है कि ब्रांड्स को अब सिर्फ ग्लॉसी विज्ञापन से काम नहीं चल रहा। वे जितना प्रामाणिक, सतत् (sustainable) और मानव-केंद्रित होंगे, उतना ही उपभोक्ताओं के दिलों में जगह बना पाएंगे। 

2025 की शुरुआत: उपभोक्ता बदल चुका है 

जनवरी 2025 के बाजार रुझानों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आज का ग्राहक अब “Made in Paris” या “Endorsed by Celebrity” के चकाचौंध में उलझा नहीं रहना चाहता। वह पूछता है  

1. क्या यह ब्रांड मेरे मूल्यों से मेल खाता है? 

2. क्या इसमें स्थानीयता (local pride) है? 

3. क्या यह पर्यावरण को ध्यान में रखता है? 

4. क्या यह मुझे असलीपन’ (authenticity) का अनुभव देता है? 

इसका असर हम कपड़ों से लेकर कॉफी मग तक और स्मार्टवॉच से लेकर स्किनकेयर तक हर श्रेणी में देख रहे हैं। FabIndia, Forest Essentials, Chumbak, TATA Neu, boAt, Mamaearth जैसे ब्रांड्स ने अब वैश्विक दिग्गजों के बीच लोकल लेकिन ग्लोबल अनुभव के दम पर अपनी जगह पक्की कर ली है। 

ब्रांड अब भावनात्मक रिश्ते बना रहे हैं 

21 जनवरी 2025 को एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट आई — “Brand & Emotions 2025 Index”  

जिसमें यह सामने आया कि जिन ब्रांड्स ने ग्राहकों से भावनात्मक रिश्ता जोड़ा है, उन्होंने सबसे ज्यादा दोहराए गए उपभोक्ता (repeat customers) हासिल किए हैं। Zomato, Nykaa, Urban Company जैसे डिजिटल फर्म अब केवल सुविधा नहीं, बल्कि “भरोसे” का दूसरा नाम बन चुके हैं। 

अब अगर कोई उपभोक्ता किसी स्मार्टफोन ब्रांड को पसंद करता है, तो उसका कारण केवल फीचर्स नहीं, बल्कि यह भी होता है कि वह ब्रांड कैसे उसकी डिजिटल पहचान, सुरक्षा और निजता (privacy) का ध्यान रखता है। 

ब्रांड वैल्यू का नया अर्थ: लाइफ़स्टाइल के स्तर पर 

लाइफ़स्टाइल का अर्थ अब केवल “क्लास” नहीं, बल्कि “क्लैरिटी” है। लोग अब अपने पहनावे, यात्रा, भोजन, घर की सजावट और डिजिटल उपस्थिति में साफ-सुथरी, ईमानदार और उद्देश्यपूर्ण ब्रांडिंग को वरीयता देते हैं। 

उदाहरण के तौर पर: 

Minimalism और sustainable luxury अब शहरों में फैशन बन चुका है। 

Vegan skincare, eco-friendly packaging, zero waste cooking kits जैसे प्रोडक्ट्स तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। 

AI-curated personalized shopping apps अब ग्राहकों की पसंद के अनुसार ब्रांड्स को सजेस्ट करते हैं यानी ब्रांड को अब आपको समझना होगा, न कि आप खुद को ब्रांड के पीछे ढालें। 

अब ब्रांड वही जो जीवन में घुल-मिल जाए 

जनवरी 2025 ने यह सिद्ध कर दिया है कि हम एक ‘New Age Consumer’ के युग में प्रवेश कर चुके हैं जहाँ ब्रांड केवल प्रोडक्ट नहीं, बल्कि जीवन का साथी होता है। ब्रांड वही मूल्यवान है जो आपकी सुबह की कॉफी से लेकर रात की मेडिटेशन ऐप तक आपके दिनभर के अनुभवों में विनम्र रूप से मौजूद रहे बिना हावी हुए। 

इस दौर में ब्रांड वैल्यूअब बायबिलिकल नाम नहीं, बल्कि अनुभवों की सच्ची भाषा बन चुकी है। 

 

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