AIMIM प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने शुक्रवार को एक चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा कि भारतीय मुस्लिम नागरिकों को बंदूक की नोक पर बांग्लादेश भेजा जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि बंगाली भाषी मुसलमानों को “अवैध रूप से हिरासत में लेकर” निर्वासित किया जा रहा है, जो कि पूरी तरह असंवैधानिक और अवैध है।
ओवैसी ने ट्वीट कर कहा, “भारतीय मुस्लिम नागरिकों को बंदूक की नोक पर बांग्लादेश भेजा जा रहा है। उनमें से कई के पास भारतीय दस्तावेज़ हैं और वे दशकों से यहां रह रहे हैं। उन्हें किसी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए बिना विदेश भेज दिया गया। ये निर्वासन अवैध हैं।” उन्होंने सवाल उठाया कि क्या केवल बंगाली भाषा बोलने से कोई विदेशी हो जाता है।
ओवैसी ने यह भी लिखा, “भारत में पैदा होने वाले हर व्यक्ति को संविधान के अनुसार नागरिकता का अधिकार है। ऐसे कई लोग हैं जो दशकों से हमारे साथ रह रहे हैं। उनके बच्चे यहां पैदा हुए हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ इसलिए निर्वासित किया जा रहा है क्योंकि वे बंगाली भाषा बोलते हैं।”
AIMIM प्रमुख ने सरकार से यह स्पष्ट करने की मांग की कि क्या यह कार्रवाई नागरिकता कानूनों और संविधान की भावना के खिलाफ नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं उन अल्पसंख्यकों के लिए चिंता का विषय हैं जो दशकों से भारत में रह रहे हैं लेकिन अब असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। सरकार की ओर से अभी तक इस मुद्दे पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।