राहुल गांधी की मुख्य बातें :
- हिंदुस्तान में इलेक्शन चोरी किए जा रहे हैं, ये सच्चाई है!
- महाराष्ट्र में कैसे मैच फिक्सिंग हुई, हमने सबको दिखाया।
- कर्नाटक की एक लोकसभा सीट की जांच की – वहां बड़े पैमाने पर वोट चोरी मिली, जल्द जनता के सामने लाएंगे।
- बिहार में SIR के नाम पर SC, ST, OBC और अल्पसंख्यक भाइयों-बहनों के वोट चुराए जा रहे हैं।
- हम चुप नहीं बैठेंगे।
- INDIA गठबंधन जन अधिकार की लड़ाई संसद से सड़क तक लड़ेगा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव 2024 में बड़े पैमाने पर धांधली और वोट चोरी का सनसनीखेज आरोप लगाते हुए कहा है कि कर्नाटक की एक लोकसभा सीट पर “भयानक चोरियाँ” हुई हैं। उन्होंने संसद भवन परिसर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए दावा किया कि देश में चुनाव अब पारदर्शी नहीं रह गए हैं, बल्कि एक “मैच फिक्सिंग” और “प्रायोजित साज़िश” का हिस्सा बन चुके हैं। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी ने पिछले छह महीनों में कर्नाटक की उस लोकसभा सीट की गहराई से जांच की है और अब उनके पास “ब्लैक एंड व्हाइट” में वह सबूत मौजूद हैं जो यह दिखाते हैं कि मतदाता सूची के साथ किस तरह छेड़छाड़ की गई, वोटरों को हटाया गया और सत्ता पक्ष को लाभ पहुंचाने के लिए पूरे चुनावी परिदृश्य को बदला गया।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि यह कोई सामान्य चुनाव नहीं थे, बल्कि लोकतंत्र को कमजोर करने का एक योजनाबद्ध प्रयास था। उन्होंने महाराष्ट्र का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां उन्होंने पहले ही “मैच फिक्सिंग” का पर्दाफाश किया है और अब कर्नाटक की एक सीट से जो तथ्य सामने आए हैं, वे बेहद चौंकाने वाले हैं। उनका कहना है कि हजारों की संख्या में असली मतदाताओं के नाम गायब कर दिए गए और फर्जी नामों को जोड़ा गया, जिससे सत्तारूढ़ दल को बढ़त मिल सके। उन्होंने कहा कि यह महज़ तकनीकी गलती नहीं है बल्कि सोच-समझकर रची गई एक साजिश है, जिसे कांग्रेस जनता के सामने लाएगी।
बिहार की मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया (Special Intensive Revision – SIR) पर भी राहुल गांधी ने कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि बिहार में विशेष रूप से दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और आदिवासी समुदायों को सूची से हटाया जा रहा है। उनका दावा है कि ये कदम जानबूझकर उठाए जा रहे हैं ताकि एक खास विचारधारा वाले वोटों को ही तवज्जो मिले और लोकतांत्रिक विविधता को खत्म किया जा सके। राहुल ने इसे “लोकतंत्र की हत्या” करार दिया और संसद के भीतर इसे लेकर तीखा विरोध जताया। उन्होंने कहा कि संसद में इस विषय पर चर्चा की अनुमति नहीं दी जा रही है क्योंकि सरकार इन सच्चाइयों से भाग रही है।
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी चुनाव आयोग (EC) के समक्ष कर्नाटक की उस सीट से संबंधित पूरे सबूत पेश करेगी और साथ ही इसे सार्वजनिक मंचों पर भी रखा जाएगा ताकि देश की जनता जान सके कि किस तरह से उनके वोटों का अपमान हो रहा है। उन्होंने कहा, “हम इसे कागज़ पर, ब्लैक एंड व्हाइट में दिखाएंगे ताकि कोई इनकार न कर सके। इस बार हम चुप नहीं बैठेंगे। हमें पता चल गया है कि चुनाव आयोग क्या खेल खेल रहा है।” राहुल ने दोहराया कि चुनाव आयोग अब स्वतंत्र संस्था नहीं रह गई है, बल्कि सत्तारूढ़ दल के इशारों पर काम कर रही है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह लड़ाई केवल कांग्रेस की नहीं, बल्कि हर उस भारतीय की है जो लोकतंत्र में विश्वास रखता है। उन्होंने विपक्षी दलों से एकजुट होकर लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करने का आह्वान किया और कहा कि आने वाले समय में पूरे देश में इस मुद्दे को लेकर आंदोलन चलाया जाएगा। राहुल गांधी ने यह भी संकेत दिया कि अगर इस विषय पर जल्द सुनवाई और समाधान नहीं हुआ तो वे सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाएंगे।
इन बयानों के साथ राहुल गांधी ने यह साबित करने की कोशिश की है कि कांग्रेस अब आक्रामक रणनीति के तहत चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता को मुद्दा बनाएगी। कर्नाटक की सीट के विश्लेषण के बाद अन्य राज्यों में भी इसी तरह की पड़ताल की योजना है। राहुल का दावा है कि यह एक “नेशनल पैटर्न” है जिसमें मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर बदलाव कर लोकतांत्रिक संतुलन को प्रभावित किया जा रहा है।
इस पूरी घटना ने देश की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे दिया है। चुनाव आयोग पर उठ रहे सवाल, मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोप और विपक्ष का आक्रामक तेवर – यह सब आगामी समय में देश के लोकतंत्र के लिए एक परीक्षा की घड़ी साबित हो सकते हैं। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि चुनाव आयोग इस पर क्या प्रतिक्रिया देता है और विपक्ष इसे किस स्तर तक लेकर जाता है। राहुल गांधी के आरोप केवल राजनीतिक बयान नहीं, बल्कि एक बड़े अभियान की शुरुआत माने जा रहे हैं।