नई दिल्ली
22 जुलाई 2025
भारत सरकार द्वारा ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक ड्राइव रेवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एनहांसमेंट (PM E-DRIVE) योजना और ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स के लिए प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम अब देश में हरित, आत्मनिर्भर और तकनीकी रूप से सशक्त ऑटोमोटिव भविष्य की नींव रख रही हैं। भारी उद्योग मंत्रालय द्वारा अधिसूचित PM E-DRIVE योजना को 29 सितंबर 2024 को लागू किया गया था, जिसकी कुल लागत ₹10,900 करोड़ है और यह दो वर्षों तक लागू रहेगी।
इस योजना का उद्देश्य उपभोक्ताओं को इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के लिए सीधी सब्सिडी देना है। ई-2 व्हीलर, ई-3 व्हीलर, ई-एम्बुलेंस और ई-ट्रक पर कुल ₹3,679 करोड़ की सब्सिडी दी जा रही है, जिससे लगभग 25 लाख ई-टू व्हीलर, 3.15 लाख ई-थ्री व्हीलर, और 5,643 ई-ट्रक लाभान्वित होंगे। इसके अलावा, 14,028 ई-बसों के लिए ₹4,391 करोड़, चार्जिंग स्टेशन नेटवर्क के लिए ₹2,000 करोड़ और टेस्टिंग एजेंसियों के आधुनिकीकरण के लिए ₹780 करोड़ का प्रावधान भी किया गया है। यह योजना ना केवल उपभोक्ताओं को प्रोत्साहित करती है, बल्कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूती देती है।
PM E-DRIVE योजना के अंतर्गत निर्माताओं के लिए Phased Manufacturing Programme का पालन अनिवार्य किया गया है, जिससे घरेलू निर्माण को बढ़ावा मिलेगा और भारत की ऑटोमोटिव सप्लाई चेन अधिक लचीली और आत्मनिर्भर बन सकेगी। वहीं, PLI Auto Scheme के तहत चैंपियन OEM श्रेणी में 13% से 18% तक का प्रोत्साहन और कंपोनेंट चैंपियन श्रेणी में 7.2% से 13% (बिजली वाहनों के कंपोनेंट्स पर अतिरिक्त 5%) तक का प्रोत्साहन मिलता है। इन प्रोत्साहनों के लिए न्यूनतम 50% Domestic Value Addition (DVA) की अनिवार्यता तय की गई है।
PLI एडवांस केमिस्ट्री सेल योजना बैटरियों में प्रयुक्त सेल्स के घरेलू निर्माण को बढ़ावा देती है, जो EV सेक्टर के लिए रीढ़ समान है। 31 मार्च 2025 तक PLI Auto योजना के तहत ₹29,576 करोड़ का निवेश दर्ज किया गया और 44,987 लोगों को रोजगार मिला है। 16 जुलाई 2025 तक योजना के अंतर्गत 106 DVA सर्टिफिकेट भी जारी किए जा चुके हैं, जो देश में बढ़ते स्वदेशीकरण को दर्शाते हैं।
इन योजनाओं का दायरा शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के लिए समान है और इन्हें राज्य सरकारों और निजी भागीदारों के सहयोग से लागू किया जा रहा है, विशेषकर EV चार्जिंग नेटवर्क को मजबूत करने के लिए। इन योजनाओं का उद्देश्य न केवल ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा देना है, बल्कि भारत को एक वैश्विक ई-वाहन निर्माण हब बनाना भी है। यह जानकारी भारी उद्योग और इस्पात राज्य मंत्री श्री भूपथिराजू श्रीनिवास वर्मा ने लोकसभा में मंगलवार को एक लिखित उत्तर के माध्यम से दी।