भारत मंडपम, प्रगति मैदान में आज स्किल इंडिया मिशन की 10वीं वर्षगांठ पर आयोजित समारोह में भारत ने एक साहसिक और भविष्य-दर्शी दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं शिक्षा राज्यमंत्री श्री जयंत चौधरी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि आने वाले छह महीनों में भारत के स्कूली बच्चे दुनिया को यह संदेश देंगे कि हम न केवल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से परिचित हैं, बल्कि इसे व्यवहार में लाकर विश्व नेतृत्व की ओर अग्रसर हैं। उन्होंने यह भी कहा कि “स्किलिंग अब बैकअप विकल्प नहीं, बल्कि भारत के विकास की नींव है।” इस अवसर पर उन्होंने यह विश्वास भी जताया कि विकसित भारत 2047 का सपना किसी संयोग से नहीं, बल्कि सुव्यवस्थित योजना से साकार होगा, और उस योजना के केंद्र में होगा — एक कुशल, आत्मविश्वासी और भविष्य के लिए तैयार भारत।
कार्यक्रम में कई नई पहलों का शुभारंभ हुआ, जिनमें सबसे प्रमुख रही SOAR (Skilling for AI Readiness) नामक राष्ट्रीय स्तर की योजना, जो देश के स्कूली छात्रों (कक्षा 6 से 12 तक) को AI की मूलभूत जानकारी, उसका व्यावहारिक अनुप्रयोग, नैतिकता, साइबर सुरक्षा, जनरेटिव AI तथा भविष्य के करियर अवसरों से जोड़ने का कार्य करेगी। इसके तहत तीन स्तर के छात्र मॉड्यूल — AI to be Aware, AI to Acquire, और AI to Aspire — जारी किए गए हैं। शिक्षकों के लिए भी AI for Educators नामक 45 घंटे का स्वतंत्र मॉड्यूल लॉन्च किया गया है, जिससे शिक्षकों की AI साक्षरता को बढ़ाया जा सके। यह पहल देश के ग्रामीण, जनजातीय और सीमांत क्षेत्रों तक AI शिक्षा की पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।
केंद्र सरकार ने इस मंच से IndiaSkills 2025–26 के संचालन दिशा-निर्देश एवं पंजीकरण पोर्टल का उद्घाटन किया। साथ ही Skill Impact Bond (SIB) का भी अनावरण किया गया, जो भारत का पहला और विश्व का सबसे बड़ा परिणाम-आधारित स्किलिंग मॉडल है। SIB के माध्यम से $14.4 मिलियन की राशि जुटाई गई है, जो कौशल विकास को न केवल प्रशिक्षण तक सीमित रखेगी, बल्कि नौकरी और उद्यमिता में परिणाम देने वाले तंत्र पर केंद्रित करेगी। इस अवसर पर KaushalVerse नामक डिजिटल एंटरप्राइज पोर्टल भी लॉन्च किया गया, जो कौशल पारिस्थितिकी तंत्र को पारदर्शी, उत्तरदायी और सुगम बनाएगा। इसके अलावा, Apprenticeship Training Portal को पूरी तरह से नए UI/UX डिज़ाइन के साथ फिर से लॉन्च किया गया है, ताकि पंजीकरण से लेकर प्रमाणन तक की पूरी प्रक्रिया को उपयोगकर्ता के अनुकूल और सरल बनाया जा सके।
शिक्षा मंत्रालय के राज्यमंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का हवाला देते हुए कहा कि यह एक क्रांतिकारी बदलाव है, जहां शिक्षा और कौशल एक साथ चलते हैं। उन्होंने कहा कि हम एक ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं, जहां हर विद्यार्थी को जीवन के लिए तैयार किया जा रहा है — केवल रोजगार के लिए नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता और नवाचार के लिए भी। उन्होंने विशेष रूप से छात्राओं की बढ़ती भागीदारी और आत्मविश्वास की सराहना की, जो अब तकनीकी और उद्यमशीलता के क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं।
इस कार्यक्रम में वैश्विक सहयोग को भी विशेष महत्व मिला। भारत सरकार और फ्रांसीसी गणराज्य के बीच कौशल विकास के क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण MoU पर हस्ताक्षर किए गए। फ्रांस के राजदूत HE थियरी माथू ने कहा कि यह साझेदारी न केवल दो देशों के बीच की एक औपचारिक संधि है, बल्कि युवाओं के लिए अवसरों का नया सेतु भी है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत और फ्रांस मिलकर कौशल आधारित अर्थव्यवस्था को एक नई ऊंचाई देंगे — सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, टैलेंट एक्सचेंज और संयुक्त पाठ्यक्रमों के माध्यम से।
कार्यक्रम में कई राष्ट्रीय संस्थानों और प्रमुख उद्योगों के साथ महत्वपूर्ण समझौते किए गए, जिनमें IIT हैदराबाद, IIT पटना, NIT अगरतला, IIIT ऊना, RRU गांधी नगर, और उद्योग जगत से Microsoft, HCL, Dixon Technologies, Apollo MedSkills आदि शामिल हैं। ये सभी साझेदारियां PMKVY 4.0 के तहत क्षेत्रीय और तकनीकी प्रशिक्षण की नई संभावनाएं खोलेंगी, जैसे AI-ML इंजीनियर, ग्रीन हाइड्रोजन टेक्नोलॉजिस्ट, किसान ड्रोन ऑपरेटर, बायोमास डिपो ऑपरेटर, ऑटोमोटिव IoT तकनीशियन, AR/VR इंजीनियर, आदि।
इस कार्यक्रम में National Apprenticeship Promotion Scheme (NAPS), PM Vishwakarma, NIESBUD, JSS और Indian Institute of Entrepreneurship (IIE) के प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किए। इन अनुभवों से यह स्पष्ट हुआ कि स्किल इंडिया मिशन ने किस तरह से जमीनी स्तर पर युवाओं के जीवन को बदला है। समारोह में देशभर से आए 6 सर्वश्रेष्ठ ITI संस्थानों को सम्मानित किया गया और एक विशेष पुस्तिका “Transforming Skill Development through Decentralized Planning” का विमोचन भी किया गया।
कुल मिलाकर, यह आयोजन न केवल स्किल इंडिया मिशन की उपलब्धियों का उत्सव था, बल्कि आने वाले वर्षों के लिए एक ठोस और समावेशी खाका भी पेश करता है — जहां भारत का हर युवा वैश्विक मंच पर अपनी प्रतिभा, तकनीकी कौशल और आत्मविश्वास के साथ नेतृत्व करने के लिए तैयार होगा।