नई दिल्ली
21जुलाई 2025
संसद के मानसून सत्र में शनिवार को उस वक्त हंगामा खड़ा हो गया जब विपक्षी दलों ने सरकार से “ऑपरेशन सिंदूर” पर तत्काल चर्चा की मांग की। विपक्ष के नेता इस अभियान को लेकर सरकार की पारदर्शिता पर सवाल उठा रहे हैं और इसकी पूरी जानकारी सदन में देने की मांग पर अड़े हैं। हंगामे के चलते लोकसभा की कार्यवाही पहले स्थगित कर दी गई और फिर दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई।
“ऑपरेशन सिंदूर” को लेकर विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की और स्पीकर के आसन के समीप आकर विरोध जताया। विपक्षी गठबंधन के नेताओं का कहना है कि यह अभियान देश की सुरक्षा और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं से जुड़ा गंभीर विषय है, जिसे सरकार छिपा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस विषय से ध्यान भटका रही है और संवेदनशील जानकारी को संसद से दूर रख रही है।
विपक्ष की ओर से कांग्रेस, टीएमसी, आप, डीएमके और लेफ्ट पार्टियों ने इस पर एक स्वर में स्थगन प्रस्ताव लाने की मांग की, जबकि सत्ता पक्ष ने इसे “राष्ट्रीय सुरक्षा” का मामला बताते हुए सीमित जानकारी साझा करने का संकेत दिया।
सूत्रों के अनुसार, “ऑपरेशन सिंदूर” एक गुप्त सामरिक कार्रवाई से जुड़ा हो सकता है, जिसे लेकर हाल के दिनों में कई मीडिया रिपोर्ट्स सामने आई हैं, लेकिन आधिकारिक पुष्टि या खंडन नहीं किया गया है।
सरकार की ओर से रक्षा मंत्री या गृहमंत्री द्वारा स्पष्टीकरण दिए जाने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन विपक्ष अभी तक इस पर स्पष्ट चर्चा और बयान की मांग पर कायम है।
लोकसभा स्पीकर ने शोर-शराबे के बीच कार्यवाही को पहले 12 बजे तक और फिर दोपहर बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया।
राजनीतिक विश्लेषण:
“ऑपरेशन सिंदूर” को लेकर जो गोपनीयता बरती जा रही है, उससे सत्र की गर्माहट और बढ़ गई है। जहां एक ओर सत्ता पक्ष इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा विषय बता रहा है, वहीं विपक्ष इसे “सत्ता की चुप्पी बनाम जनप्रतिनिधियों का अधिकार” का मुद्दा बना रहा है।