केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में ‘21वें वर्ल्ड पुलिस एंड फायर गेम्स-2025’ में हिस्सा लेने वाले भारतीय दल के 613 मेडल विजेताओं का सम्मान किया। यह प्रतिष्ठित खेल प्रतियोगिता अमेरिका के बर्मिंघम, अलबामा में आयोजित हुई थी। इस अवसर पर अमित शाह ने खिलाड़ियों को ₹4.38 करोड़ की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा करते हुए उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन की सराहना की और कहा कि उन्होंने 140 करोड़ भारतीयों का सिर गर्व से ऊँचा किया है। उन्होंने बताया कि यह प्रतियोगिता ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों के बाद विश्व की सबसे बड़ी खेल स्पर्धाओं में से एक है, जिसमें लगभग 10,000 खिलाड़ी भाग लेते हैं।
अमित शाह ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत वर्ष 2029 में होने वाले अगले वर्ल्ड पुलिस एंड फायर गेम्स की मेज़बानी गुजरात के अहमदाबाद, गांधीनगर और केवड़िया में करेगा, जिसमें हर पुलिस बल से कम से कम एक खिलाड़ी की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी और प्रत्येक टीम को न्यूनतम तीन मेडल जीतने का लक्ष्य रखना चाहिए। उन्होंने खिलाड़ियों से अर्जुन जैसी लक्ष्य साधने की प्रेरणा लेने का आग्रह किया और कहा कि जीतने की आदत मैदान पर ही बनती है। उन्होंने यह भी कहा कि जो बच्चा हार से डरता है, वह जीत की जिद कभी नहीं पालता — और यही आदत मैदान में ही विकसित होती है।
गृह मंत्री ने पुलिस बलों को खेल को जीवन का हिस्सा बनाने की सलाह दी और सभी पुलिस अधिकारियों से अपील की कि वे दिन की शुरुआत परेड से करें और शाम को अपने अधीनस्थों के साथ खेलें, जिससे तनाव कम होगा और कार्य क्षमता बढ़ेगी। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने खेलों को बढ़ावा देने के लिए पुलिस बलों की भर्ती नीतियों में बदलाव किया है और प्रत्येक बल में 25 आउटडोर खेल टीमों का गठन किया गया है। उन्होंने प्रस्तावित ‘राष्ट्रीय खेल विधेयक’ का उल्लेख करते हुए बताया कि यह राज्य स्तरीय पुलिस बलों को भी राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में एक इकाई के रूप में मान्यता देगा।
अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 10 वर्षों में खेल बजट में पाँच गुना वृद्धि हुई है और खेल आधारभूत ढांचा तेजी से विकसित हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि टॉप्स (Target Olympic Podium Scheme) के अंतर्गत 3,000 खिलाड़ियों को ₹50,000 की मासिक सहायता दी जा रही है और 2036 ओलंपिक की तैयारी के लिए भारत पूरी गति से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत 2036 के ओलंपिक में पदक तालिका में शीर्ष 5 देशों में शामिल होगा।
कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने कहा कि भारत में खेल अब एक आंदोलन बन चुका है और मोदी सरकार का प्रयास है कि खेलों को गांव-गांव तक पहुंचाया जाए और हर खेल में बच्चों का चयन और प्रशिक्षण वैज्ञानिक पद्धति से किया जाए। उन्होंने पुलिस बलों से आग्रह किया कि वे खेलों में उत्कृष्टता लाने के लिए विश्वस्तरीय कोच और स्पोर्ट्स मेडिसिन विशेषज्ञों की व्यवस्था करें। गृह मंत्री के संबोधन से यह स्पष्ट संदेश गया कि सरकार खेलों को केवल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण के एक अहम माध्यम के रूप में देख रही है।