नई दिल्ली
19 जुलाई 2025
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के श्रम ब्यूरो ने कृषि मजदूरों (CPI-AL) और ग्रामीण मजदूरों (CPI-RL) के लिए महंगाई मापने वाला नया सूचकांक जारी किया है। अब इसका आधार वर्ष 2019 = 100 रखा गया है। इससे पहले यह 1986-87 = 100 था।
क्या बदला है?
- अब महंगाई का आंकलन 34 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से किया जाएगा, पहले यह 20 राज्यों तक सीमित था।
- 600 गांवों की जगह अब 787 गांवों से कीमतें ली जाएंगी।
- महंगाई मापने की पद्धति में भी बदलाव किया गया है जिससे आंकड़े और ज्यादा सही और स्थिर होंगे।
- अब उपभोग की आदतों और वस्तुओं के महत्व के अनुसार नया गणना तरीका अपनाया गया है।
जून 2025 के आंकड़े:
- कृषि मजदूरों (CPI-AL) के लिए महंगाई सूचकांक: 134 अंक
- ग्रामीण मजदूरों (CPI-RL) के लिए महंगाई सूचकांक: 134 अंक
साल-दर-साल महंगाई दर:
- कृषि मजदूरों के लिए: 1.42%
- ग्रामीण मजदूरों के लिए: 1.73%
क्यों जरूरी है?
ये आंकड़े सरकार को यह समझने में मदद करते हैं कि गांवों में रहने वाले मजदूरों को कितनी महंगाई झेलनी पड़ रही है। इसके आधार पर कई सरकारी योजनाओं और मजदूरी दरों में बदलाव होता है। नया आधार वर्ष और आधुनिक पद्धति से अब महंगाई के आंकड़े जमीनी हकीकत के ज्यादा करीब माने जा रहे हैं।