Home » National » पहलगाम हमले पर LG मनोज सिन्हा का स्वीकार—सुरक्षा में भारी चूक, पूरी ज़िम्मेदारी मेरी

पहलगाम हमले पर LG मनोज सिन्हा का स्वीकार—सुरक्षा में भारी चूक, पूरी ज़िम्मेदारी मेरी

Facebook
WhatsApp
X
Telegram

श्रीनगर, जम्मू कश्मीर 

15 जुलाई 2025

स्वीकारोक्ति का साहस: एलजी मनोज सिन्हा ने माना सुरक्षा में चूक

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहलगाम आतंकी हमले को लेकर एक साहसी और मानवीय बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पहलगाम में हुआ हमला एक बड़ी सुरक्षा चूक थी और इसकी पूरी ज़िम्मेदारी वह स्वयं लेते हैं। इस हमले में निर्दोष नागरिकों की जान गई, और देशभर में आक्रोश और पीड़ा का माहौल है। एलजी सिन्हा का यह बयान जहां प्रशासनिक जवाबदेही का संकेत देता है, वहीं यह भी दर्शाता है कि जम्मू-कश्मीर सरकार इस हमले को हल्के में नहीं ले रही।

शोक और संवेदना के साथ-साथ ठोस कार्रवाई के संकेत

एलजी मनोज सिन्हा ने न केवल अपनी जिम्मेदारी स्वीकारी, बल्कि पीड़ित परिवारों के प्रति गहरी संवेदना भी व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और वह स्वयं इससे व्यथित हैं। सिन्हा ने स्पष्ट किया कि सरकार इस हमले की पूरी तहकीकात कर रही है और जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय की जाएगी। साथ ही, उन्होंने भरोसा दिलाया कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा ढांचे में बड़े स्तर पर सुधार किए जाएंगे।

राष्ट्रीय एकता और दृढ़ संकल्प की मिसाल बनी पहलगाम की घटना

जहां एक ओर यह हमला कायराना था, वहीं देशवासियों की एकजुटता और सुरक्षा बलों की तत्परता ने फिर से यह दिखा दिया कि भारत किसी भी आतंकी मंशा के सामने झुकेगा नहीं। एलजी सिन्हा ने भी यह बात दोहराई कि जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित करने की प्रक्रिया को कोई भी ताकत नहीं रोक सकती।

पृष्ठभूमि: क्या है पहलगाम आतंकी हमला?

हाल ही में जम्मू-कश्मीर के सुंदर पर्यटन स्थल पहलगाम में एक आतंकी हमला हुआ, जिसमें कुछ यात्रियों और स्थानीय नागरिकों की जान गई। सुरक्षा एजेंसियां इस हमले की जांच कर रही हैं। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार, यह हमला योजनाबद्ध और सुनियोजित था। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है और आतंकियों की तलाश तेज़ कर दी गई है।

मानवीय और प्रशासनिक दृष्टिकोण का अनूठा संगम

एलजी मनोज सिन्हा का यह बयान सिर्फ एक प्रशासनिक प्रतिक्रिया नहीं, बल्कि एक जवाबदेह और संवेदनशील नेतृत्व का परिचायक है। उन्होंने न केवल संवेदना व्यक्त की, बल्कि यह भी माना कि भविष्य की सुरक्षा व्यवस्था को