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50 दिनों में यूक्रेन युद्ध खत्म करो, वरना रूस और सहयोगियों पर बरसेंगे भारी टैरिफ : ट्रंप

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वैश्विक मंच पर एक बार फिर अपनी दबंग उपस्थिति दर्ज कराई है। उन्होंने रूस को चेताते हुए कहा है कि अगर अगले 50 दिनों में यूक्रेन युद्ध समाप्त करने को लेकर कोई ठोस समझौता नहीं होता, तो वह रूस और उसके व्यापारिक सहयोगियों पर 100% तक का ‘विनाशकारी’ टैरिफ लगाएंगे। यह अल्टीमेटम उन्होंने NATO महासचिव मार्क रुटे के साथ वॉशिंगटन में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दिया।

ट्रंप ने अपने तीखे लहज़े में कहा, “या तो रूस युद्ध बंद करे, या फिर वैश्विक व्यापार से उसका बहिष्कार तय समझिए।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह सिर्फ रूस पर नहीं, बल्कि उन सभी देशों पर लागू होगा जो अभी भी मास्को के साथ ऊर्जा, तकनीक या हथियारों का व्यापार कर रहे हैं।

सैन्य रणनीति के साथ व्यापारिक प्रतिबंध: अमेरिका का नया समीकरण

ट्रंप ने एक नई रक्षा संधि की भी घोषणा की है जिसके तहत अमेरिका, NATO देशों को आधुनिक हथियार जैसे पैट्रियट मिसाइल प्रणाली आपूर्ति करेगा ताकि यूक्रेन को दी जा रही सैन्य सहायता में बढ़ोतरी हो सके। उन्होंने कहा कि अमेरिका इस युद्ध को केवल बातचीत या सैन्य सहयोग से नहीं, बल्कि आर्थिक दंड और दबाव के माध्यम से भी खत्म करना चाहता है।

वाणिज्य सचिव हावर्ड लुटनिक ने कहा है कि अगर रूस बातचीत की मेज़ पर नहीं आता, तो न केवल व्यापारिक टैरिफ बल्कि वित्तीय प्रतिबंध, वीज़ा रोकथाम, और तकनीकी प्रतिबंध भी लागू किए जा सकते हैं।

ट्रंप की रणनीति का वैश्विक असर

राष्ट्रपति ट्रंप के इस रुख से केवल मॉस्को ही नहीं, बल्कि चीन, ईरान और सऊदी अरब जैसे देशों में भी हलचल मच गई है, जो अब तक रूस के साथ व्यापार में जुटे हुए हैं। ट्रंप की ‘शून्य सहिष्णुता नीति’ का असर यह होगा कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर यूक्रेन संकट को टालते रहने वाले देशों को अब आर्थिक रूप से इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।

इस चेतावनी के जवाब में यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने ट्रंप का आभार जताते हुए कहा, “ये शब्द नहीं, बल्कि सुरक्षा का भरोसा हैं।”

आगे की राह: 2 सितंबर तक की मोहलत

ट्रंप ने साफ कर दिया है कि 2 सितंबर 2025 तक यदि रूस कोई स्पष्ट शांति प्रस्ताव नहीं लाता, तो अमेरिका ‘Sanction Hammer’ चलाने से पीछे नहीं हटेगा। यह कदम न केवल ट्रंप की राजनीतिक दृढ़ता को दर्शाता है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि 2025 का अमेरिका कूटनीति के नाम पर अनंत वार्ताओं में समय नहीं गंवाएगा—अब निर्णायक नीतियों का दौर है।

डोनाल्ड ट्रंप की यह नीति केवल एक राजनीतिक बयान नहीं, बल्कि वैश्विक भू-राजनीतिक समीकरणों को हिला देने वाला ऐलान है। यह ‘ट्रेड-ड्रिवन पीस प्रेशर’ (व्यापार से दबाव द्वारा शांति) का एक नया मॉडल प्रस्तुत करता है, जहाँ आर्थिक प्रतिबंधों और सैन्य समझौतों का समन्वय रूस को युद्ध रोकने के लिए विवश कर सकता है।

अगर यह रणनीति सफल होती है, तो यह साबित करेगा कि शांति केवल शस्त्र से नहीं, अर्थनीति से भी लाई जा सकती है। दुनिया अब 50 दिनों की उलटी गिनती में प्रवेश कर चुकी है—जहाँ हर बीतता दिन रूस पर एक नई वैश्विक दरार छोड़ सकता है।

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