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DGCA का आदेश: Boeing विमानों में फ्यूल स्विच लॉकिंग सिस्टम की जांच अनिवार्य, 21 जुलाई तक पूरी करें प्रक्रिया

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भारत के सिविल एविएशन नियामक DGCA ने सोमवार को Boeing विमानों में फ्यूल कंट्रोल स्विच लॉकिंग सिस्टम की त्वरित जांच के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं। यह निर्णय पिछले महीने अहमदाबाद में हुए Air India की Boeing 787‑8 क्रैश की प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद लिया गया, जिसमें सामने आया कि टेकऑफ़ के तुरंत बाद ही दोनों इंजन के फ्यूल स्विच अचानक “RUN” से “CUTOFF” स्थिति में चले गए, जिससे विमानों की थ्रस्ट चली गई थी और विमान उड़ान दोषपूर्ण हो गया था।

DGCA ने आदेश दिया है कि सभी भारत-में पंजीकृत Boeing 787 और 737 एयरक्राफ्ट (जिनमें Honeywell द्वारा निर्मित लॉकिंग फीचर शामिल है) में फ्यूल स्विच लॉकिंग सिस्टम की जांच 21 जुलाई 2025 तक पूरी की जाए। जांच पूरा होने के बाद हर एयरलाइन को DGCA के संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय में रिपोर्ट सबमिट करनी होगी।

यह कदम FAA (USA) द्वारा दिसंबर 2018 में जारी ‘Special Airworthiness Information Bulletin (SAIB)’ पर आधारित है, जिसमें Boeing 737 और 787 के कुछ विमानों में फ्यूल स्विच लॉकिंग फीचर न सही तरीके से काम कर सकते हैं, इसकी चेतावनी दी गई थी । उस समय यह जांच सलाह मात्र थी, लेकिन DGCA ने इसे अब अनिवार्य कर दिया है क्योंकि preliminary AAIB रिपोर्ट ने इंजन फ्यूल कटऑफ की दिशा में पहला संकेत दिया।

भारत में लगभग 150 Boeing विमानों का परिचालन है, जिनके स्वामित्व Air India, IndiGo, SpiceJet, Akasa Air, और Air India Express के पास है । एयर इंडिया ने अपने 787 बेड़े के लगभग आधे विमानों की जांच पूरी की है और 737 फ्रैट में भी प्रमुख जांच की जा चुकी है—अब तक किसी खराब स्ली या तकनीकी दोष की जानकारी नहीं मिली है।

DGCA की कार्रवाई का मकसद सिर्फ विमान सुरक्षा सुनिश्चित करना नहीं, बल्कि यात्री भरोसा और एयरलाइनों की जवाबदेही को भी मजबूत बनाना है। DGCA की माने तो लॉकिंग मैकेनिज्म को “बिना उठाए स्विच को चालू नहीं किया जा सकता”, फिर भी यह जांच ली गई है ताकि किसी भी तरह की अनिश्चितता को समाप्त किया जा सके।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इस पर प्रतिक्रिया तेज हुई है। साउथ कोरिया ने अपने Boeing विमानों की समान जांच करवाई है। Etihad, Singapore Airlines जैसी अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों ने स्वैच्छिक जांच शुरू की हैं, जबकि FAA और Boeing ने यह स्पष्ट किया है कि लॉक फीचर सुरक्षित है और कोई Airworthiness Directive जारी नहीं किया गया।

Air India क्रैश की प्रारंभिक रिपोर्ट और DGCA का 21 जुलाई तक जांच का निर्देश, यह दिखाते हैं कि भारत ने विमानन सुरक्षा में ‘संकोच नहीं, कार्रवाई’ के सिद्धांत को अपनाया है। यह कदम न सिर्फ एक संदेह को दूर करेगा, बल्कि एयरलाइन्स और यात्रियों के बीच भरोसा भी बनाए रखेगा। अब जब तकनीकी विशेषज्ञ यह जांच कर चुके हैं, तो उम्मीद है कि भविष्य में किसी भी विमानों को इससे जुड़े किसी भी जोखिम का सामना नहीं करना पड़ेगा।

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