जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शनिवार को एक बड़ी आर्थिक योजना का खुलासा करते हुए कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2030 तक जम्मू-कश्मीर को ₹1 ट्रिलियन (1 लाख करोड़ रुपये) की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था में तब्दील किया जाए। उन्होंने यह घोषणा एक उच्चस्तरीय कृषि विकास समीक्षा बैठक में की।
एलजी सिन्हा ने कहा कि यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य किसानों की आय को दोगुना करने, आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाने, जैविक खेती को बढ़ावा देने और फसल विविधता को प्रोत्साहित करने के जरिये हासिल किया जाएगा। इसके लिए सरकार ने एक व्यापक रोडमैप तैयार किया है, जिसमें बागवानी, फूलों की खेती, डेयरी, पशुपालन और मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों को भी समावेश किया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य के कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ाने, किसानों के लिए बाजार से सीधा जुड़ाव सुनिश्चित करने, और मूल्य वर्धन (value addition) की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम कर रही हैं।
मनोज सिन्हा ने यह भी कहा कि युवाओं को कृषि स्टार्टअप्स के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि नई पीढ़ी इस क्षेत्र को रोजगार और उद्यमिता के रूप में अपनाए।
इस योजना से जम्मू-कश्मीर को न केवल आर्थिक मजबूती मिलेगी बल्कि यह भारत के अन्य राज्यों के लिए भी एक मॉडल बनकर उभरेगा। किसानों, उद्यमियों और नीति विशेषज्ञों ने इस घोषणा का स्वागत करते हुए इसे “नई खेती, नया कश्मीर” की दिशा में ऐतिहासिक कदम बताया है।