कोविड की दूसरी लहर के चलते उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी, जिससे करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था पर असर पड़ा। केदारनाथ, बद्रीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री जैसे पवित्र धामों में तीर्थयात्रा स्थगित कर दी गई, जबकि स्थानीय पुजारियों ने परंपरागत पूजा-अर्चना जारी रखी। यह निर्णय जनस्वास्थ्य के दृष्टिकोण से उचित माना गया, लेकिन पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को गहरा नुकसान हुआ। धर्म और विज्ञान के संतुलन की बहस फिर से उठी। बाद में सीमित संख्या में वैक्सीनेटेड श्रद्धालुओं को अनुमति दी गई।
