कोविड के बाद वैश्विक मांग बढ़ने और आपूर्ति संकट के चलते 2021 में अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल और गैस की कीमतें तेजी से बढ़ीं। भारत समेत कई देशों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर से ऊपर चला गया। रसोई गैस, डीजल और बिजली की दरें भी प्रभावित हुईं। इससे महंगाई दर में इज़ाफा हुआ और मध्यवर्ग तथा गरीब तबका सबसे अधिक प्रभावित हुआ। सरकारों को टैक्स कटौती और सब्सिडी के विकल्प तलाशने पड़े। ईंधन की यह महंगाई वैश्विक ऊर्जा नीति और ग्रीन एनर्जी विकल्पों की ओर रुख की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
