कोविड महामारी के चलते स्कूल और कॉलेजों के लंबे समय तक बंद रहने से डिजिटल शिक्षा ही विकल्प बन गई। मोबाइल ऐप्स, Zoom क्लासेस और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर पढ़ाई होने लगी। हालांकि, देश में करोड़ों बच्चों के पास स्मार्टफोन या इंटरनेट की सुविधा नहीं थी, जिससे शिक्षा में भारी असमानता सामने आई। खासकर ग्रामीण और गरीब तबकों के बच्चों की पढ़ाई बाधित हुई। सरकार ने ‘DIKSHA’ और ‘PM eVIDYA’ जैसे प्लेटफॉर्म शुरू किए, लेकिन उनका प्रभाव सीमित रहा। यह संकट भारत में डिजिटल डिवाइड को सामने लाया और शिक्षा प्रणाली के समावेशी सुधार की आवश्यकता उजागर हुई।
