2021 में पूरी दुनिया ने सेमीकंडक्टर चिप्स की भारी कमी का सामना किया, जिससे खासकर ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग प्रभावित हुए। महामारी के कारण उत्पादन ठप हुआ और डिमांड बढ़ गई, जिससे यह संकट गहरा गया। भारत में मारुति, टाटा, महिंद्रा जैसी कंपनियों को उत्पादन घटाना पड़ा। स्मार्टफोन और लैपटॉप की कीमतें भी बढ़ गईं। वैश्विक स्तर पर अमेरिका, चीन, ताइवान, दक्षिण कोरिया ने चिप निर्माण में निवेश बढ़ाने की योजना बनाई। भारत ने भी आत्मनिर्भर भारत के तहत चिप मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स लगाने की घोषणा की। यह संकट डिजिटल युग की आधारभूत आवश्यकता की असल तस्वीर सामने लाया।
