फ्रांस में एक शिक्षक सैमुअल पैटी की हत्या के बाद राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने इस्लामी कट्टरपंथ के खिलाफ बयान दिए। उन्होंने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का समर्थन करते हुए पैगंबर मोहम्मद के कार्टूनों की रक्षा की बात की। इस पर मुस्लिम बहुल देशों में विरोध भड़क गया। पाकिस्तान, बांग्लादेश, तुर्की और अरब देशों में लाखों लोगों ने प्रदर्शन किए और फ्रांसीसी वस्तुओं का बहिष्कार शुरू हुआ। भारत में भी कुछ हिस्सों में प्रदर्शन हुए। फ्रांस में सुरक्षा कड़ी कर दी गई, और कट्टरपंथ के खिलाफ कानून सख्त हुए। यह घटना धर्म और अभिव्यक्ति की आज़ादी के बीच संघर्ष का वैश्विक उदाहरण बन गई।