नई दिल्ली 1 नवंबर 2025
बिहार के मुजफ्फरपुर से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली से ठीक पहले छह पत्रकारों को नजरबंद कर दिया गया। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता और एआईसीसी सोशल मीडिया एवं डिजिटल प्लेटफॉर्म्स की चेयरपर्सन सुप्रिया श्रीनेत ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह लोकतंत्र पर हमला है और यह साफ़ दिखाता है कि प्रधानमंत्री मोदी सच्चाई से कितने भयभीत हैं। उन्होंने कहा, “नरेंद्र मोदी उन पत्रकारों से डरते हैं जो असलियत दिखाते हैं, जो सत्ता से सवाल करते हैं और जो जनता की आवाज़ बनते हैं। जिन पत्रकारों का काम सच्चाई सामने लाना है, आज उन्हीं की आवाज़ दबाई जा रही है।”
सुप्रिया श्रीनेत ने तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी इंटरव्यू तो उन लोगों को देते हैं जो उनसे पूछते हैं कि “आप थकते क्यों नहीं?” या “आप कोई टॉनिक पीते हैं क्या?”, लेकिन जो पत्रकार उनसे असली सवाल पूछना चाहते हैं — बेरोजगारी, महंगाई, किसानों की बदहाली, महिलाओं की सुरक्षा और देश की अर्थव्यवस्था जैसे मुद्दों पर बात करना चाहते हैं — उनसे प्रधानमंत्री दूरी बनाए रखते हैं। उन्होंने कहा, “जो नेता जनता के बीच सबसे लोकप्रिय होने का दावा करता है, वही आज सबसे ज्यादा पत्रकारों से डरता है। क्या यह डर उस सच्चाई का है जो कैमरे के सामने उजागर हो सकती थी?”
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि लोकतंत्र में मीडिया को चौथा स्तंभ कहा गया है और उसका कर्तव्य है कि वह सत्ता से सवाल करे, लेकिन जब सत्ता ही सवाल पूछने वालों को कैद कर दे, तो लोकतंत्र की रीढ़ हिल जाती है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर में जो हुआ, वह सिर्फ पत्रकारों की गिरफ्तारी नहीं, बल्कि जनता के जानने के अधिकार की हत्या है। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “कांग्रेस पार्टी हर उस निर्भीक पत्रकार के साथ खड़ी है जो सत्ता के खिलाफ सच्चाई बोलने की हिम्मत रखता है। हम आपके सवाल पूछने के अधिकार की रक्षा करेंगे।” उन्होंने तीखे सवाल दागे — “नरेंद्र मोदी आखिर किस बात से डरते हैं? क्या लोकतंत्र में अब सवाल नहीं पूछे जाएंगे? क्या अब प्रशासन यह तय करेगा कि मीडिया कहां जाएगा, क्या दिखाएगा और कब चुप रहेगा?” सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “यह नया भारत नहीं, डर का भारत है — जहां सरकार अपने विरोधियों से नहीं, बल्कि सच्चाई से डरती है।”




