रियलिटी टीवी स्टार किम कार्दाशियन ने जब चंद्रमा लैंडिंग को “हॉलीवुड का स्टेज शो” बताया, तो अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने ऐसा जवाब दिया कि पूरी दुनिया देखती रह गई। किम के इस बयान को नासा ने “अज्ञानता की पराकाष्ठा” बताते हुए तथ्यों के साथ पलटवार किया और साबित कर दिया कि विज्ञान के सामने अफवाहों की कोई जगह नहीं है।
किम ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में कहा था, “क्या आप जानते हैं कि चंद्रमा लैंडिंग असल में एक फिल्म सेट पर शूट की गई थी? नासा झूठ बोल रहा है!” — यह पोस्ट कुछ ही घंटों में वायरल हो गया और लाखों लोगों ने इसे लाइक किया। लेकिन नासा ने त्वरित प्रतिक्रिया देते हुए चुप्पी तोड़ी और साफ शब्दों में कहा “1969 में नील आर्मस्ट्रांग और बज़ एल्ड्रिन चंद्रमा पर उतरे थे — यह मानव इतिहास की सबसे बड़ी वैज्ञानिक उपलब्धि थी। हमारे पास उस यात्रा के सबूत आज भी मौजूद हैं: चंद्रमा की चट्टानें, लेजर रिफ्लेक्टर, और हजारों घंटों के मूल मिशन फुटेज।”
नासा ने आगे कहा कि किम जैसे सेलेब्रिटी के ऐसे बयान विज्ञान को कमजोर करते हैं और नई पीढ़ी को गलत दिशा में ले जा सकते हैं। एजेंसी ने प्रमाणों की पूरी सूची जारी की — जिसमें चंद्रमा से लाए गए नमूने, अंतरराष्ट्रीय सत्यापन रिपोर्टें और थर्ड-पार्टी रिसर्च शामिल हैं।
अंतरिक्ष विशेषज्ञों ने भी किम को जमकर फटकार लगाई। एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने कहा “सोशल मीडिया पर फॉलोअर्स के लिए झूठ फैलाना आसान है, लेकिन इससे वैज्ञानिक मेहनत और सच्चाई की कीमत घट जाती है।”
यह पहला मौका नहीं है जब किम कार्दाशियन षड्यंत्रों में फंसी हों। इससे पहले भी उन्होंने वैक्सीन, ‘फ्लैट अर्थ थ्योरी’ और अन्य वैज्ञानिक विषयों पर विवादास्पद बयान दिए थे। लेकिन इस बार नासा ने उनका हर तर्क तार-तार कर दिया।
नासा ने अपने बयान के अंत में जनता से अपील की “विज्ञान पर भरोसा करें, सोशल मीडिया की सनसनी पर नहीं। झूठ जितना वायरल होता है, सच उतना ही मजबूत होकर लौटता है।”
किम का यह विवाद अब इंटरनेट पर बहस का नया मुद्दा बन गया है — और नासा का जवाब साबित करता है कि विज्ञान किसी की लोकप्रियता से नहीं, बल्कि तथ्यों से चलता है।




