तारीख: 1 जुलाई 2025 | अमरनाथ स्पेशल रिपोर्ट | श्रीनगर/जम्मू ब्यूरो
बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा के दर्शन की घड़ी अब बेहद करीब है। केवल दो दिन बाद, 3 जुलाई से अमरनाथ यात्रा 2025 का शुभारंभ होने जा रहा है, जो रक्षा बंधन तक यानी 9 अगस्त तक चलेगी। इस वर्ष यात्रा को अभूतपूर्व रूप से सुरक्षित, व्यवस्थित और श्रद्धालुओं के लिए सुविधाजनक बनाने हेतु जम्मू-कश्मीर सरकार ने एक व्यापक मास्टर प्लान तैयार किया है, जिसे आज डिप्टी मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में अंतिम रूप दिया गया।
LG और CM मोर्चे पर सक्रिय, मंत्री कर रहे रोज़ाना निगरानी
प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला खुद इस यात्रा को लेकर लगातार सक्रिय हैं। एलजी सिन्हा पिछले एक सप्ताह में तीन बार पहलगाम और बालटाल मार्गों के बेस कैंपों का दौरा कर चुके हैं। रविवार को उन्होंने नुनवन और चंदनवाड़ी का स्थल निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं की बारीकी से समीक्षा की।
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला श्रीनगर से पूरे प्रशासन को निर्देश दे रहे हैं। उनके निर्देश पर प्रदेश सरकार के मंत्री और शीर्ष अधिकारी प्रतिदिन दोनों रूट्स पर सुविधाओं और सुरक्षा का जायजा ले रहे हैं। रविवार को जल शक्ति मंत्री जावेद अहमद राणा, वन एवं पर्यावरण मंत्री और स्वास्थ्य निदेशक जहांगीर अहमद ने एक-एक सुविधा का स्थलीय निरीक्षण कर सुनिश्चित किया कि श्रद्धालुओं की यात्रा निर्विघ्न और सहज हो।
सुरक्षा सर्वोपरि — पहली बार हेलिकॉप्टर सेवा स्थगित
हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले की पृष्ठभूमि में इस बार यात्रा की सुरक्षा को लेकर केंद्र सरकार और सेना दोनों सतर्क हैं। थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी स्वयं 21 जून को कश्मीर पहुंचे और यात्रा मार्ग की सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की।
इसके अलावा, आपदा प्रबंधन विभाग ने मॉक ड्रिल आयोजित की जिसमें ग्लेशियर फटने से आने वाली बाढ़ (GLOF) जैसी आपदा से निपटने का अभ्यास दिखाया गया। इस ड्रिल ने यात्रियों में विश्वास और प्रशासन की तत्परता का परिचय दिया।
यात्रा मार्ग की भूगर्भीय संवेदनशीलता और मौसमी अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए इस बार एहतियातन हेलिकॉप्टर सेवाओं को बंद कर दिया गया है। सरकार का मानना है कि जमीनी स्तर पर हर सुविधा को सशक्त करना इस निर्णय का कारण है।
सुविधाओं का जमीनी विस्तार — जल, शौचालय, बिजली से लेकर लंगर तक
दोनों प्रमुख मार्गों — पहलगाम और बालटाल — पर रास्तों की मरम्मत, रेलिंग लगाना, बिजली व्यवस्था, मोबाइल शौचालय, स्नानघर, पेयजल और स्वास्थ्य इकाइयों की तैनाती जैसे कार्य पूरे कर लिए गए हैं। हर पड़ाव पर बेस कैंप में मुफ्त लंगर सेवाएं चालू हो चुकी हैं, जिनमें कई स्वयंसेवी संस्थाएं सेवा में जुटी हैं।
स्वास्थ्य व्यवस्था की दृष्टि से मोबाइल मेडिकल यूनिट्स, एम्बुलेंस, और एयर एंबुलेंस बैकअप भी तैयार रखे गए हैं। हर यात्री को रजिस्ट्रेशन के समय हेल्थ सर्टिफिकेट देना अनिवार्य किया गया है।
यात्रा की तैयारी संपूर्ण, श्रद्धालुओं में उत्साह चरम पर
जम्मू-कश्मीर सरकार की इस बार की तैयारी को “ऑपरेशन अमरनाथ 2025” के रूप में देखा जा रहा है। श्रद्धा, सुरक्षा और सुविधा — इन तीनों स्तंभों पर प्रशासन ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। बाबा बर्फानी के भक्तों में इस बार अलग ही उत्साह है, क्योंकि उन्हें मिल रही है सुव्यवस्थित व्यवस्था, आधुनिक सुरक्षा, और अद्वितीय समर्पण का अनुभव।
तीन जुलाई को जब पहला जत्था पवित्र गुफा की ओर बढ़ेगा, तो वह केवल एक तीर्थ यात्रा नहीं होगी — वह एक मिसाल होगी सरकार, सेना, समाज और श्रद्धा के समन्वय की।