देश की राजनीति और शैक्षिक परिसरों में नैतिक मूल्यों का पतन एक बार फिर सामने आया है, जिसने केंद्र सरकार के “बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ” जैसे महत्वाकांक्षी नारों को पूरी तरह से खोखला और पाखंडी साबित कर दिया है। मध्य प्रदेश के मंदसौर से आई अत्यंत शर्मनाक ख़बर के बाद, महिला कांग्रेस की अध्यक्ष अलका लांबा और कांग्रेस के छात्र संगठन NSUI के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने राजधानी दिल्ली में एक संयुक्त और आक्रामक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया, जहाँ उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) और उसके मातृ छात्र संगठन ABVP (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) पर बेहद तीखा हमला बोला।
अलका लांबा ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि “बेटी बचाओ का नारा देने वाले ही अब देश की बेटियों के कपड़े बदलते वक्त उनका वीडियो बना रहे हैं, और यह जघन्य कार्य किसी बाहरी तत्व ने नहीं, बल्कि बीजेपी के वैचारिक रूप से पोषित संगठन ABVP ने किया है।” उन्होंने आगे ज़ोर देकर कहा कि यह अकेली घटना नहीं है, बल्कि यह BJP के ‘चाल, चरित्र और चेहरे’ को उजागर करती है, जो पर्दे के पीछे महिलाओं के सम्मान के विपरीत कार्य करता है, जबकि सार्वजनिक मंचों पर संस्कारों की बात की जाती है।
मंदसौर का शर्मनाक मामला — ‘ABVP के गुंडे’ वीडियो बनाते पकड़े गए और BJP ने बचाया
अलका लांबा ने मंदसौर के एक सरकारी कॉलेज में छात्राओं के साथ हुए इस अक्षम्य कृत्य का विस्तृत खुलासा करते हुए बताया कि कैसे ABVP से जुड़े कुछ लोग कॉलेज परिसर के भीतर छात्राओं का आपत्तिजनक वीडियो बनाते हुए रंगे हाथों पकड़े गए। उन्होंने इस घटना के बाद बीजेपी नेतृत्व के नैतिक पतन को सबसे बड़ा शर्मनाक पहलू बताया। लांबा ने कहा कि जब कॉलेज की प्रिंसिपल ने सावधानीपूर्वक CCTV फुटेज पुलिस और प्रशासन को सौंपे, जिनमें स्पष्ट रूप से ABVP से जुड़े पदाधिकारी वीडियो फिल्माते और अपराध करते हुए दिखाई दे रहे थे, तब बीजेपी के स्थानीय और राज्य स्तरीय नेताओं ने उल्टा इन आरोपियों के खुले बचाव में अधिकारिक पत्र लिख दिए।
इन पत्रों में बाकायदा यह तर्क दिया गया कि ‘इस मामले में कोई सबूत नहीं है’ और आरोपियों को छोड़ दिया जाए। लांबा ने सीधे प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए पूछा: “क्या यही है मोदी का ‘बेटी बचाओ भारत’, जहाँ सबूत मिलने के बाद भी अपराधियों को बचाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग किया जाता है?” उन्होंने यह भी याद दिलाया कि यह वही ABVP है जो साल 2023 में कर्नाटक में भी छात्राओं का अश्लील वीडियो बनाने के मामले में बुरी तरह बदनाम हुई थी, जहाँ ABVP के छात्र नेता प्रतीक गौड़ा को एक छात्रा का वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जिससे यह साबित होता है कि महिलाओं के प्रति ऐसा आपराधिक व्यवहार इस संगठन की विचारधारा का हिस्सा बन चुका है।
“RSS की सोच कैंपस में जहर फैला रही है” — अलका लांबा का वैचारिक हमला
महिला कांग्रेस अध्यक्ष ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इस घटना को केवल एक अपराधिक कृत्य न मानते हुए, इसे RSS-ABVP की मूल विचारधारा से जोड़ा, और बेहद सख्त लहजे में कहा कि “RSS-ABVP की सोच बेटियों की सुरक्षा नहीं चाहती, बल्कि वह उनके आत्मसम्मान और आजादी को कुचलना चाहती है।” उन्होंने आरोप लगाया कि भारत के शैक्षिक कैंपस अब केवल शिक्षा के मंदिर नहीं रहे, बल्कि वे BJP की विभाजनकारी और आपराधिक विचारधारा के ‘अपराधस्थल’ बनते जा रहे हैं, जहाँ छात्रों को गुंडागर्दी और शोषण के लिए प्रेरित किया जाता है।
लांबा ने देश के प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से सीधे सवाल किया: “क्या आपकी ‘संस्कारी राजनीति’ अब देश की लड़कियों की इज्जत लूटने और उन्हें प्रताड़ित करने तक सीमित रह गई है?” उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि अगर केंद्र और राज्य सरकारों ने सबूतों को छिपाकर या राजनीतिक दबाव डालकर इन अपराधियों को बचाने की कोशिश की, तो कांग्रेस पार्टी चुप नहीं बैठेगी। उन्होंने दृढ़ता से कहा: “हम यह लड़ाई हर स्तर पर लड़ेंगे — सड़क पर भी उतरेंगे, संसद में भी इन सवालों को उठाएंगे, और अदालत में भी इन अपराधियों को बेनकाब करेंगे,” जिससे यह साफ हो गया कि कांग्रेस इस मुद्दे को राजनीतिक रूप से छोड़ने वाली नहीं है।
दक्षिण एशियाई विश्वविद्यालय में भयावह रेप — “विदेशी छात्राएं डरी हुई हैं”
अलका लांबा ने मंदसौर के मुद्दे के अलावा राजधानी दिल्ली की एक और भयावह घटना का खुलासा किया, जिसने भारत की अंतर्राष्ट्रीय साख पर एक गंभीर धब्बा लगाया है। उन्होंने बताया कि दिल्ली स्थित साउथ एशियन यूनिवर्सिटी, जहाँ बड़ी संख्या में विदेशी छात्र अध्ययन करते हैं, वहाँ एक छात्रा के साथ बलात्कार (रेप) की जघन्य घटना हुई है। लांबा ने आक्रोश के साथ कहा: “यह घटना केवल दिल्ली के लिए नहीं, बल्कि पूरे भारत की साख पर लगा एक गहरा धब्बा है, जो हमारी अतिथि देवो भवः की संस्कृति को शर्मसार करता है।”
उन्होंने खुलासा किया कि इस घटना के बाद विदेशी छात्राएं अब खुद को अत्यधिक असुरक्षित महसूस कर रही हैं और उनमें से कई ने डर के मारे अपना रजिस्ट्रेशन खत्म कर अपने देश लौट जाने की इच्छा व्यक्त की है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब देश की राजधानी दिल्ली, जिसे भारत का चेहरा माना जाता है, ही महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित जगहों में से एक बन चुकी है, तो बाकी देश का क्या हाल होगा। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, और दिल्ली की महिला मुख्यमंत्री से सीधे सवाल किया: “क्या आप सब आँखें मूँदकर चुप रहेंगे? क्या यही आपका ‘महिला सशक्तिकरण’ है, जहाँ विदेशी छात्राएँ भी अपनी जान बचाकर भागने को मजबूर हैं?”
दिल्ली विश्वविद्यालय का नया शर्मनाक अध्याय — ABVP महिला नेता ने प्रोफेसर को मारा थप्पड़
NSUI के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने अपनी बात में शैक्षिक परिसरों में बढ़ती गुंडागर्दी को दर्शाते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के बी.आर. अंबेडकर कॉलेज की एक और चौंकाने वाली घटना का ज़िक्र किया। उन्होंने बताया कि वहाँ ABVP की एक महिला पदाधिकारी, दीपिका झा, ने खुलेआम और सबके सामने एक प्रोफेसर को थप्पड़ मार दिया। चौधरी ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा: “इस शर्मनाक घटना का वीडियो सार्वजनिक रूप से मौजूद है, लेकिन 12 घंटे बीत जाने के बाद भी दिल्ली पुलिस या विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई शुरू नहीं की गई है।”
उन्होंने सीधे दिल्ली की मुख्यमंत्री से सवाल किया: “क्या आपने विश्वविद्यालयों को गुंडों के हवाले कर दिया है? क्या अब हमारे प्रोफेसर पढ़ाने के बजाय डर और असुरक्षा के माहौल में जीने को मजबूर होंगे?” NSUI ने इस घटना के खिलाफ दिल्ली विश्वविद्यालय में तत्काल विरोध प्रदर्शन करने और प्रोफेसर को न्याय दिलाने तक अपना आंदोलन जारी रखने की घोषणा की है। चौधरी ने मांग की कि दीपिका झा को तत्काल कॉलेज से रस्टिकेट किया जाए और उन पर पुलिस कार्रवाई शुरू की जाए, क्योंकि शैक्षिक परिसर किसी भी राजनीतिक संगठन की गुंडागर्दी का अखाड़ा नहीं बन सकते।