वॉशिंगटन, 16 अक्टूबर 2025
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अर्जेंटीना को लेकर एक विवादित बयान दिया है जिसने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है। ट्रम्प ने साफ शब्दों में कहा है कि यदि अर्जेंटीना के मौजूदा राष्ट्रपति हवियर माईली (Javier Milei) आगामी चुनावों में हार जाते हैं, तो संयुक्त राज्य अमेरिका अर्जेंटीना की किसी भी तरह की सहायता पर “अपना समय बर्बाद नहीं करेगा।”
ट्रम्प का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका ने अर्जेंटीना की आर्थिक स्थिरता के लिए 20 अरब डॉलर की सहायता योजना को मंज़ूरी दी है। यह योजना अर्जेंटीना की गिरती मुद्रा और बढ़ती महंगाई को काबू में लाने के लिए माईली सरकार के साथ की जा रही आर्थिक साझेदारी का हिस्सा है। ट्रम्प ने व्हाइट हाउस में माईली से मुलाकात के बाद कहा, “हम हवियर माईली और उनकी नीतियों का समर्थन करते हैं क्योंकि वह अर्जेंटीना को सही दिशा में ले जा रहे हैं। लेकिन अगर लोग गलत फैसला लेते हैं और वह हार जाते हैं, तो हम वहां रहकर अपना समय बर्बाद नहीं करेंगे।”
ट्रम्प की इस टिप्पणी ने अर्जेंटीना की राजनीति और अर्थव्यवस्था दोनों में झटके पैदा कर दिए हैं। ब्यूनस आयर्स स्टॉक एक्सचेंज में गिरावट दर्ज की गई और अर्जेंटीनी पेसो अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर हुआ। निवेशकों में यह डर पैदा हो गया है कि अगर माईली की सरकार सत्ता में नहीं रहती, तो अमेरिकी आर्थिक समर्थन तुरंत बंद हो सकता है।
अमेरिकी खज़ाना विभाग ने भी स्पष्ट किया है कि यह सहायता केवल माईली की “उदारवादी आर्थिक सुधार नीतियों” को समर्थन देने के उद्देश्य से दी जा रही है। ट्रम्प प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “अर्जेंटीना को हम तब तक सहयोग देंगे जब तक वह फ्री मार्केट और लोकतांत्रिक सुधारों के एजेंडे पर चलता रहेगा।”
हवियर माईली, जिन्हें “लैटिन अमेरिका के ट्रम्प” कहा जाता है, ने अपने देश की अर्थव्यवस्था को डॉलर आधारित करने, सरकारी खर्च में कटौती और निजीकरण की दिशा में कई साहसिक कदम उठाए हैं। ट्रम्प लंबे समय से माईली के प्रशंसक रहे हैं और उन्हें “अर्जेंटीना का असली सुधारक” कह चुके हैं।
अंतरराष्ट्रीय विश्लेषकों के मुताबिक, ट्रम्प का यह बयान सिर्फ अर्जेंटीना तक सीमित नहीं है, बल्कि यह अमेरिका की नई विदेश नीति का संकेत है — जिसमें आर्थिक मदद अब “राजनीतिक निष्ठा” के साथ जोड़ी जा रही है। यानी, अगर माईली हारे तो अर्जेंटीना की आर्थिक हालत और खराब हो सकती है, और अमेरिकी समर्थन “एक झटके में” खत्म हो जाएगा।
राजनीतिक हलकों में यह बयान अब चर्चा का विषय बन गया है — क्या यह ट्रम्प की “अमेरिका फर्स्ट” नीति का नया चेहरा है, या फिर वैश्विक राजनीति में दबाव बनाने की रणनीति? एक बात तय है — ट्रम्प ने फिर दिखा दिया है कि उनकी भाषा में राजनयिक मिठास नहीं, बल्कि सीधा संदेश होता है।