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भारत–कनाडा रिश्तों में नई रौशनी — ट्रूडो की ठंडी छाया के बाद भरोसे की नई शुरुआत

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नई दिल्ली, 13 अक्टूबर 2025 

भारत और कनाडा के रिश्ते जो पिछले कुछ समय से तनाव और अविश्वास की धुंध में उलझे हुए थे, अब फिर से नई ऊर्जा और भरोसे के साथ आगे बढ़ने लगे हैं। दोनों देशों ने एक साथ नई साझेदारी और सहयोग का रोडमैप जारी किया है, जिसमें तकनीक, व्यापार, शिक्षा, जलवायु और सुरक्षा जैसे अहम मुद्दों को शामिल किया गया है।

नई दिल्ली में हुई इस अहम बैठक में विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और कनाडा की विदेश मंत्री अनिता आनंद ने हाथ मिलाते हुए यह साफ संदेश दिया कि भारत–कनाडा अब नए युग में प्रवेश कर रहे हैं। दोनों देशों ने कहा कि अब ध्यान विवादों पर नहीं, बल्कि सहयोग पर होगा — ताकि जनता और उद्योग दोनों को इसका सीधा फायदा मिल सके।

इस संयुक्त घोषणा में कई अहम बिंदु हैं —

  1. टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में साझा प्रोजेक्ट शुरू होंगे।
  1. दोनों देश स्वच्छ ऊर्जा, ग्रीन टेक और क्लाइमेट एक्शन पर मिलकर काम करेंगे।
  1. युवा, शिक्षा और नवाचार (Innovation) के क्षेत्र में नए एक्सचेंज प्रोग्राम शुरू किए जाएंगे।
  1. भारत और कनाडा अपने व्यापार और निवेश को नई ऊंचाई तक ले जाने का लक्ष्य रखेंगे।

कनाडा ने स्वीकार किया है कि भारत एशिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और उसके साथ मजबूत साझेदारी बनाना अब रणनीतिक जरूरत है। वहीं भारत ने भी कहा कि कनाडा के साथ तकनीक और शोध में सहयोग दोनों देशों के लिए “विन-विन स्थिति” होगी।

राजनयिक हलकों में इस मुलाकात को “रिलेशन रीसेट” कहा जा रहा है। यह वही रिश्ते हैं जो ट्रूडो सरकार के वक्त ठंडे पड़ चुके थे — पर अब वही रिश्ते फिर से गर्मजोशी और साझेदारी की राह पर लौट आए हैं।

आसान शब्दों में कहें तो, भारत और कनाडा अब पुराने मतभेदों को पीछे छोड़कर नए भरोसे के पुल बना रहे हैं। जहां पहले दूरियां थीं, अब संवाद है; जहां आरोप थे, अब समझौते हैं। और यही दिखाता है कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की कूटनीति आज पहले से कहीं अधिक मजबूत, संतुलित और प्रभावी है।

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