हैदराबाद 12 अक्टूबर 2025
AIMIM अध्यक्ष और हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा है कि उन्होंने 65,000 लोगों को मारा, जिनमें लगभग 20,000 बच्चे शामिल हैं। ओवैसी ने यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नेतन्याहू की “लीडरशिप” की तारीफ पर प्रतिक्रिया स्वरूप की। उन्होंने आगे कहा कि 12 लाख लोग बेघर हुए, और दुनिया अभी तक इस भारी मानवीय त्रासदी पर चुप क्यों है।
ओवैसी ने मोदी की उस पोस्ट की आलोचना करते हुए कहा जिसमें उन्होंने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प की मध्यस्थता से बने गाजा शांति समझौते की प्रगति पर बधाई दी थी। उन्होंने पूछा — “यदि इस तरह के अपराधी को आप सराहेंगे, तो उस मानवीय चेतना की क्या कीमत है?” उन्होंने चेतावनी स्वरूप कहा, “अल्लाह देखेगा नेतन्याहू को — इंशाअल्लाह न्याय होगा।” ओवैसी का आरोप है कि नेतन्याहू को अंतरराष्ट्रीय मुकदमे के दायरे में लाने का समय आ गया है।
इस बयान के बाद राजनयिक हलकों में हलचल तेज हो गई है। भारत-इज़राइल संबंधों पर भी नजरें टिकी हैं, क्योंकि ओवैसी ने सीधे पीएम मोदी को कटाक्ष के साथ कहा कि भारत की विदेश नीति और नैतिक दायित्व पर उनका (नेतन्याहू का) समर्थन “गंभीर पुनर्मूल्यांकन” का विषय होना चाहिए।
बेलॉग्ड खबरों के अनुसार, इस बयान से पहले ही सोशल मीडिया पर #JusticeForGaza और #NetanyahuCrimes जैसे हैशटैग अचानक ट्रेंड हो गए हैं। विपक्षी पार्टियों ने भी इस बयान को लेकर भारत सरकार को “न्याय और मानवाधिकार” की भूमिका निभाने का आह्वान किया है। कुल मिलाकर, ओवैसी का यह तीखा बयान सिर्फ राजनीतिक बयान-बाज़ी नहीं — यह एक चुनौती है लोकतंत्र, मानवाधिकार और अंतरराष्ट्रीय न्याय के नाम पर।