भारत सरकार के लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स के बीच इन दिनों सबसे चर्चित विषय है – 8वां वेतन आयोग। सातवें वेतन आयोग के लागू होने को करीब एक दशक बीत चुका है और अब कर्मचारियों को अगली बड़ी वेतन वृद्धि की प्रतीक्षा है। हाल ही में सामने आई जानकारी के अनुसार, 8वें वेतन आयोग को लेकर सरकार गंभीर विचार कर रही है और संभावित रूप से जनवरी 2026 से इसे लागू किया जा सकता है। लेकिन अभी तक न तो आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति हुई है, न ही टर्म्स ऑफ रेफरेंस (ToR) की औपचारिक घोषणा की गई है। ऐसे में सवाल उठता है – क्या यह आयोग समय पर बनेगा और क्या कर्मचारियों को 2026 में बढ़ी हुई सैलरी मिल पाएगी?
2016 में लागू हुए 7वें वेतन आयोग ने सरकारी क्षेत्र में वेतन ढांचे को नई दिशा दी थी। अब 8वें वेतन आयोग को लेकर जो अनुमान लगाए जा रहे हैं, उनके अनुसार यदि सरकार इसे जनवरी 2026 से लागू करती है, तो रिपोर्ट कम से कम एक साल पहले यानी 2025 के अंत तक आनी चाहिए। आमतौर पर आयोग बनने के बाद उसे अपनी सिफारिशें देने में 18 से 24 महीने का समय लगता है। ऐसे में अगर आयोग अब तक नहीं बना है, तो समय पर लागू हो पाना मुश्किल लगता है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि चुनावी वर्ष (2029) से पहले कर्मचारियों को बड़ी राहत देने के लिए सरकार इसे प्राथमिकता दे सकती है। इसके लिए आयोग को जल्द गठित कर, उसकी रिपोर्ट वित्त वर्ष 2026-27 के बजट में शामिल की जा सकती है।
वेतन में कितनी बढ़ोतरी संभव है?
जानकारों के अनुसार, 8वें वेतन आयोग में Fitment Factor को 2.57 से बढ़ाकर 3.0 या उससे अधिक किए जाने की संभावना है। इसका सीधा असर बेसिक सैलरी पर पड़ेगा। उदाहरण के लिए, अगर किसी कर्मचारी की वर्तमान बेसिक सैलरी ₹25,000 है, तो फिटमेंट फैक्टर 3.0 होने पर यह बढ़कर ₹75,000 तक जा सकती है। DA (महंगाई भत्ता), HRA और अन्य भत्ते अलग से होंगे। इससे कुल वेतन वृद्धि 30% से 35% तक आंकी जा रही है। Ambit Capital की रिपोर्ट के अनुसार, इस प्रस्तावित वृद्धि से सरकार पर सालाना लगभग ₹1.8 लाख करोड़ का अतिरिक्त बोझ आएगा, लेकिन यह कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत होगी—विशेषकर बढ़ती महंगाई और जीवन यापन की लागत के बीच।
पेंशनर्स के लिए क्या लाभ?
केवल नौकरीपेशा कर्मचारियों को ही नहीं, बल्कि देशभर के 68 लाख से अधिक पेंशनर्स को भी इस आयोग से राहत मिलने की उम्मीद है। पेंशन का पुनः निर्धारण (Revised Pension Calculation) नए वेतनमान के अनुसार होगा, जिससे पेंशन में भी 30% से 40% तक की वृद्धि हो सकती है। वरिष्ठ नागरिक कल्याण संगठनों और पेंशनर्स यूनियनों ने इस मुद्दे पर सरकार को कई ज्ञापन भी सौंपे हैं, जिसमें आयोग के शीघ्र गठन की मांग की गई है।
अब तक की देरी क्यों?
सूत्रों के अनुसार, वित्त मंत्रालय और कार्मिक विभाग के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन बजट 2025-26 में वेतन आयोग के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं किया गया। इसके पीछे कारण यह माना जा रहा है कि सरकार अभी मौजूदा महंगाई भत्तों और 7वें वेतन आयोग की शेष सिफारिशों पर ध्यान दे रही है। हालांकि हाल ही में वित्त सचिव ने संकेत दिए हैं कि “सरकार सही समय पर उचित निर्णय लेगी, ताकि कर्मचारियों को अपेक्षित लाभ मिल सके।”
क्या कर्मचारियों को एरियर मिलेगा?
अगर 8वां वेतन आयोग जनवरी 2026 से लागू होता है लेकिन रिपोर्ट और स्वीकृति में देरी होती है, तो संभावना है कि कर्मचारियों को बैकडेटेड एरियर दिया जाएगा। यह एरियर लाखों कर्मचारियों के लिए बड़ी आर्थिक राहत बन सकता है। पहले भी ऐसा हुआ है जब वेतन आयोग की सिफारिशें देर से लागू हुईं लेकिन एरियर की भरपाई अगले वित्तीय वर्ष में की गई।
8वें वेतन आयोग को लेकर अब तक कई अटकलें लगाई जा चुकी हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत यह है कि अभी तक इसका कोई औपचारिक गठन नहीं हुआ है। अगर सरकार इसे समयबद्ध तरीके से लागू करना चाहती है, तो 2025 के भीतर आयोग का गठन, टर्म्स ऑफ रेफरेंस की घोषणा और रिपोर्ट तैयार कर लेना अनिवार्य है। कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति, महंगाई, निजी क्षेत्र के वेतनमान और भविष्य की सरकारी योजनाओं को देखते हुए यह आयोग केवल एक वेतन वृद्धि का विषय नहीं, बल्कि सरकार की प्रतिबद्धता और आर्थिक दृष्टिकोण का प्रतीक भी बनेगा। अब पूरा देश इस फैसले का बेसब्री से इंतजार कर रहा है।